मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में एक अपहरण की घटना के दौरान विशेष सशस्त्र बल (SAF) के एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस प्रशासन को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
पुलिस टीम पर हमला, अपहृत व्यक्ति की भी हत्याशनिवार को मऊगंज जिले के गदरा गांव में पुलिस एक अपहृत व्यक्ति सनी द्विवेदी को बचाने गई थी, लेकिन वहां आदिवासियों के एक समूह ने पुलिस टीम पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया। इस हमले में एएसआई रामचरण गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हमले में अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिन्हें रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या था मामला?सूत्रों के अनुसार, कोल जनजाति के कुछ लोगों ने संदेह के आधार पर सनी द्विवेदी का अपहरण कर लिया था। उन्हें शक था कि द्विवेदी ने कुछ महीने पहले अशोक कुमार नामक एक आदिवासी युवक की हत्या की थी। हालांकि, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अशोक कुमार की मौत एक सड़क दुर्घटना में हुई थी। जब पुलिस टीम अपहृत द्विवेदी को बचाने के लिए पहुंची, तब तक उसकी एक कमरे में पिटाई के बाद मौत हो चुकी थी।
मुख्यमंत्री का बयान: कानून तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाईमुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया और दोषियों पर कठोर कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने कहा, “मऊगंज में जो हुआ वह बेहद दुखद है। एक बहादुर पुलिसकर्मी की जान चली गई, कई अन्य घायल हुए। प्रशासन पूरी तरह स्थिति पर नजर बनाए हुए है और मैं स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि घटना के बाद पूरे क्षेत्र में धारा 163 (बीएनएसएस) लागू कर दी गई है।
विपक्ष ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवालइस घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, “मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं, जिससे राज्य में अराजकता का माहौल बना हुआ है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले आदिवासियों पर अत्याचार किया, जिसके प्रतिकार में यह हमला हुआ।
अधिकारियों की तैनाती और आगे की कार्रवाईघटना के बाद मुख्यमंत्री ने डीआईजी रीवा, एसपी मऊगंज और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा, रीवा जोन के एडीजी और पुलिस महानिदेशक (DGP) को भी मामले की निगरानी के लिए भेजा गया है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की बात कही है।
यह घटना कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर करती है, जहां पुलिस पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या यह घटना राज्य की राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बनेगी।