झारखंड: झारखंड और छत्तीसगढ़ में आतंक का पर्याय बन चुके मोस्ट वांटेड गैंगस्टर Aman Sahu का अंत हो गया। झारखंड पुलिस ने एनकाउंटर में उसे मार गिराया, जिससे इलाके में दहशत के बादल छंट गए हैं। पुलिस के अनुसार, Aman Sahu के आपराधिक गठजोड़ भारत से लेकर कनाडा और मलेशिया तक फैले थे। वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक अहम सहयोगी था और लंबे समय से पुलिस के निशाने पर था। उसके खिलाफ 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें फिरौती, हत्या, उगाही और हथियार तस्करी शामिल थे। उसकी मौत को अपराध जगत के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
झारखंड पुलिस Aman Sahu को रायपुर से रांची ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में पलामू जिले के चैनपुर इलाके में पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा अमन साहू के लिए मौका बन गया और उसने पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला और उसे आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन अमन ने पुलिस पर गोलियां चला दीं। इसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और अमन साहू मौके पर ही ढेर हो गया। पुलिस का कहना है कि अगर कोई अपराधी पुलिस पर गोली चलाएगा, तो उसका यही अंजाम होगा।
Aman Sahu की गिनती झारखंड और छत्तीसगढ़ के सबसे कुख्यात अपराधियों में होती थी। उसने 2013 में अपना गैंग बनाया, जो फिरौती, कोयला और बालू माफिया से उगाही करता था। उसकी धमक सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं थी, बल्कि रायपुर, रांची और बिहार के बड़े कारोबारियों को धमकाना और उन पर फायरिंग कर दहशत फैलाना उसकी रणनीति थी।
🔸 लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए हथियार सप्लाई करता था और बदले में आधुनिक हथियार मंगवाता था।
🔸 हाई-फाई लाइफस्टाइल और महंगे ब्रांड्स का शौकीन था।
🔸 गैंगस्टर बनने से पहले वह माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था।
Aman Sahu की मौत से झारखंड में अपराध के एक काले अध्याय का अंत हो गया है। पुलिस के मुताबिक, उसका एनकाउंटर, अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि अब कानून के हाथ से कोई नहीं बच सकता।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर गिरी गाज! गैंगस्टरों में मचा हड़कंप
अमन साहू के मारे जाने के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग में हलचल मच गई है। पुलिस का दावा है कि अमन साहू, गैंग के लिए हथियार सप्लाई करता था और कई बड़े हमलों की साजिश में शामिल था। इस कड़ी का मुख्य लिंक सुनील मीणा था, जो फिलहाल अजरबैजान की पुलिस कस्टडी में है।
क्राइम ब्रांच को शक है कि अमन साहू का नेटवर्क इंटरनेशनल लेवल पर फैला हुआ था। इस मामले में झारखंड पुलिस अब उसके विदेशी कनेक्शनों की भी जांच कर रही है।
क्या अमन साहू के खात्मे से खत्म होगा आतंक? पुलिस का सख्त रुख
अमन साहू का एनकाउंटर झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब अपराधियों के लिए झारखंड में कोई जगह नहीं बची है।
झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ कहा –
“जो भी अपराधी कानून को चुनौती देगा, उसका यही हश्र होगा!”
इस एनकाउंटर के बाद आम जनता में पुलिस की कार्रवाई को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों का मानना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और झारखंड को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक नया कदम बढ़ेगा।
तो क्या झारखंड में अपराध का अंत होने वाला है, या यह सिर्फ शुरुआत है? आने वाले समय में पुलिस की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
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