सोशल मीडिया की सनक, कानून की पकड़
बिहार के औरंगाबाद जिले के यूट्यूबर रितेश कुमार की एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें वह चलती ट्रेन में एक यात्री को थप्पड़ मारते हुए नजर आ रहे हैं। यह घटना बिहार के अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन की है, जहां यह वीडियो शूट किया गया था। रितेश ने फॉलोअर्स बढ़ाने और वायरल होने की सनक में यह हरकत की, लेकिन उन्हें शायद अंदाजा नहीं था कि यह उन्हें कानूनी पचड़े में डाल देगा। वीडियो में दावा किया गया कि ट्रेन महाकुंभ में प्रयागराज जा रही थी और यात्री दरवाजा खोलने से इनकार कर रहे थे। रितेश का एक दोस्त इस पूरी घटना को रिकॉर्ड कर रहा था और बाद में इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा, उठी कार्रवाई की मांग
जैसे ही यह वीडियो इंटरनेट पर फैला, लोगों ने जमकर यूट्यूबर की हरकत की निंदा की और रेलवे प्रशासन से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। कई यूजर्स ने लिखा कि ऐसे लोगों की वजह से यूट्यूबर समुदाय बदनाम हो रहा है। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “थप्पड़ की सजा थप्पड़ होनी चाहिए!”। इस वायरल वीडियो ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का भी ध्यान आकर्षित किया। आरपीएफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रितेश कुमार को ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ ने दिया कड़ा संदेश, कानून से नहीं बच सकते सोशल मीडिया के अपराधी
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर बयान जारी करते हुए कहा, “यात्री सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि पाने के लिए किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती।” आरपीएफ देहरी-ऑन-सोन ने न केवल रितेश को गिरफ्तार किया बल्कि उसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए भी मजबूर किया। इससे यह संदेश साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर लाइक्स और व्यूज के लिए कानून तोड़ने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
गिरफ्तारी के बाद यूट्यूबर का पश्चाताप, वीडियो में मांगी माफी
कानूनी शिकंजे में फंसने के बाद रितेश कुमार ने एक माफीनामा वीडियो जारी किया, जिसमें उसने अपनी गलती स्वीकार की। वीडियो में रितेश ने कहा, “मैं औरंगाबाद (बिहार) का एक यूट्यूबर हूं। मैं अपने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए वीडियो बनाता हूं और पोस्ट करता हूं। मैंने अपनी प्रसिद्धि के लिए यह गलत हरकत की, लेकिन अब मुझे अहसास हो गया है कि यह बहुत बड़ी गलती थी। मैं भविष्य में ऐसा नहीं करूंगा। कृपया मुझे माफ कर दें।” लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इस माफी को महज एक बचाव का तरीका बताया और उसे कड़ी सजा देने की मांग की।
सोशल मीडिया सनसनी की हकीकत, कानून से ऊपर नहीं कोई
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि सोशल मीडिया पर फेमस होने की होड़ में लोग किस हद तक जा सकते हैं। लेकिन अब कानून ऐसे लोगों को छोड़ने के मूड में नहीं है। आरपीएफ और रेलवे प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी गैर-जिम्मेदाराना हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या सोशल मीडिया पर वायरल होने की यह सनक समाज के लिए खतरनाक साबित हो रही है? क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है? यह मामला हमें एक गंभीर संदेश देता है कि लाइक और व्यूज के लिए किया गया अपराध भी अपराध ही होता है और उसकी सजा जरूर मिलेगी।