साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण मार्च महीने में पड़ेगा और खास बात यह है कि यह होली के दिन यानी 14 मार्च को ही लगेगा। लेकिन क्या यह भारत में दिखाई देगा और इसका धार्मिक प्रभाव पड़ेगा? यह सवाल ज्योतिषीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। ग्रहण का सूतक काल उसी स्थान पर मान्य होता है, जहां यह दिखाई देता है। चूंकि यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दिन में 9:29 बजे से 3:29 बजे तक रहेगा, इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा और यहां इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जहां ग्रहण नहीं दिखता वहां सूतक काल भी प्रभावी नहीं होता, जिससे इस दिन पूजा-पाठ और होली के त्योहार पर कोई रोक नहीं होगी।
होली पर चंद्र ग्रहण का असर? जानें वैज्ञानिक और धार्मिक पक्ष
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण को शुभ संकेत नहीं माना जाता। ग्रहण के समय सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और किसी भी शुभ कार्य को टालने की परंपरा है। हालांकि, चूंकि यह ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा, इसलिए इसका होली के पर्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोग बिना किसी चिंता के गुलाल और रंगों से होली खेल सकते हैं, पूजा-पाठ कर सकते हैं और फाल्गुन पूर्णिमा से जुड़े धार्मिक अनुष्ठान भी संपन्न कर सकते हैं।
ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव: राशियों पर दिखेगा असर?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, “ग्रहण का प्रभाव केवल भौतिक रूप से ही नहीं, बल्कि राशियों पर भी पड़ता है। चंद्र ग्रहण का सीधा असर मानसिक स्थिति और भावनाओं पर पड़ता है।” हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभाव कुछ राशियों पर हो सकते हैं। खासतौर पर मेष, वृषभ, तुला और मकर राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। मानसिक तनाव, कार्य में रुकावट और भावनात्मक अस्थिरता जैसी परेशानियां महसूस हो सकती हैं। इसलिए, इन जातकों को इस अवधि में संयम और सतर्कता बरतनी चाहिए।
क्या करें और क्या न करें? ग्रहण से जुड़ी जरूरी बातें
ग्रहण से जुड़े वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण को समझना जरूरी है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जबकि धार्मिक मान्यताओं में इसे नकारात्मक प्रभावों से जोड़ा जाता है। ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां रखना आवश्यक माना जाता है, जैसे कि भोजन ग्रहण न करना, मंत्र जाप करना और ध्यान लगाना। हालांकि, इस बार भारत में सूतक काल मान्य न होने के कारण इन नियमों का पालन करना आवश्यक नहीं है। फिर भी, यदि कोई व्यक्ति आध्यात्मिक शांति के लिए ध्यान, मंत्र जाप या किसी अन्य साधना को अपनाना चाहता है, तो यह लाभदायक हो सकता है।
इस बार होली के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, जिससे सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा और न ही किसी धार्मिक अनुष्ठान पर कोई प्रतिबंध होगा। लोग बिना किसी बाधा के होली का आनंद ले सकते हैं। हालांकि, कुछ राशियों को मानसिक तनाव और भावनात्मक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए ध्यान, योग और सकारात्मक सोच बनाए रखना फायदेमंद होगा।






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