आज की डिजिटल दुनिया में इयरफोन और हेडफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। खासकर युवा वर्ग और ऑफिस में काम करने वाले लोग घंटों तक इनका उपयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी सुनने की क्षमता को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है? स्वास्थ्य मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज, डॉ. अतुल गोयल ने इस पर गंभीर चिंता जताई है और सभी राज्यों को इस संबंध में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया है।
डॉ. गोयल का कहना है कि लगातार कई घंटों तक इयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करना स्थायी बहरापन का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 2 घंटे से अधिक समय तक इयरफोन का उपयोग करता है, तो उसकी सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो सकती है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जा रही है, जो तेज आवाज़ में लंबे समय तक गाने सुनते हैं या कॉल पर रहते हैं।
इयरफोन के अधिक उपयोग से होने वाले संभावित खतरे:
🔴 तेज़ आवाज़ में इयरफोन का उपयोग – कान की नसों को नुकसान पहुँचा सकता है।
🔴 लंबे समय तक इयरफोन लगाना – सुनने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो सकती है।
🔴 लगातार तेज़ ध्वनि सुनना – कानों में सीटी बजने (टिनिटस) की समस्या हो सकती है।
🔴 बिना ब्रेक लिए इयरफोन का उपयोग – श्रवण तंत्र को स्थायी नुकसान पहुँच सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस गंभीर समस्या से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है:
✅ 2 घंटे से अधिक इयरफोन का उपयोग न करें।
✅ हर 30 मिनट में ब्रेक लें, ताकि कानों को आराम मिल सके।
✅ 60/60 नियम अपनाएं – 60% से अधिक वॉल्यूम न रखें और लगातार 60 मिनट से अधिक न सुनें।
✅ नॉइज़ कैंसिलिंग इयरफोन का उपयोग करें, ताकि कम वॉल्यूम में भी आवाज़ साफ सुनाई दे।
✅ अगर सुनाई देने में कोई परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
अगर आप भी घंटों तक इयरफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए! आपकी ज़रा-सी लापरवाही आपके कानों की सेहत को स्थायी रूप से नुकसान पहुँचा सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की यह चेतावनी हमें अपनी आदतों पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर करती है। समय रहते सतर्क रहें और अपने कानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें, ताकि वे भी इस खतरे से बच सकें!