प्रयागराज महाकुंभ 2025 ने इतिहास रचते हुए कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। इस बार के महाकुंभ में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम भी मौजूद रही, जिन्होंने इन अद्वितीय उपलब्धियों को मान्यता दी। 13 जनवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चले इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही, और आयोजन ने आध्यात्मिकता के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता का भी संदेश दिया। महाकुंभ के दौरान चार प्रमुख रिकॉर्ड बनाए गए, जिनमें सामूहिक सफाई अभियान और कला के क्षेत्र में सामूहिक भागीदारी ने विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया।
गंगा सफाई अभियान में बना नया विश्व रिकॉर्ड
महाकुंभ 2025 में गंगा सफाई अभियान ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। 360 लोगों की टीम ने संगम के चार विभिन्न स्थलों पर मिलकर सफाई की, जो अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक सफाई अभियान बन गया। इससे पहले, इस प्रकार के अभियानों में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी नहीं देखी गई थी। यह रिकॉर्ड न केवल स्वच्छता के प्रति जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि सामूहिक प्रयासों की शक्ति को भी दर्शाता है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने इस उपलब्धि को आधिकारिक मान्यता दी और इसे एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया गया।
10,102 लोगों ने एक साथ बनाई कलाकृति
महाकुंभ के दौरान हैंड पेंटिंग के क्षेत्र में भी नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित हुआ। कुल 10,102 लोगों ने एक साथ मिलकर पेंटिंग बनाई, जो अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक कला प्रदर्शन माना जा रहा है। इससे पहले यह रिकॉर्ड 7,660 लोगों के नाम था, जिसे इस महाकुंभ में तोड़ा गया। यह पहल न केवल कला के प्रति उत्साह को दर्शाती है, बल्कि समाज में सामूहिकता और एकता का संदेश भी देती है। प्रतिभागियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया, और इस सामूहिक कलाकृति को संस्कृति और एकजुटता का प्रतीक माना गया।
19,000 लोगों ने एक साथ मिलकर चलाया सफाई अभियान
महाकुंभ 2025 में स्वच्छता के प्रति जागरूकता को एक नए आयाम पर ले जाते हुए, 19,000 लोगों ने एक साथ झाड़ू लगाकर सफाई अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह सामूहिक प्रयास अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान बन गया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड 10,000 लोगों के नाम था। इस अनोखे प्रयास ने न केवल स्वच्छता का संदेश दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिकता में कितनी शक्ति होती है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने प्रमाणपत्र सौंपे।
सामूहिक प्रयासों ने दिया सामाजिक जागरूकता का संदेश
प्रयागराज महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आस्था और आध्यात्मिकता का संगम ही नहीं था, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और सामूहिक प्रयासों का भी एक अनोखा उदाहरण बना। चार नए विश्व रिकॉर्ड बनाकर इस महाकुंभ ने न केवल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई, बल्कि स्वच्छता, कला, और सामूहिकता के प्रति जागरूकता भी फैलाई। इन रिकॉर्ड्स ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया और यह आयोजन भविष्य के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।






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