बसंत पंचमी के अमृत स्नान को देखते हुए महाकुंभ मेला प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए हैं। सभी वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं और भीड़ प्रबंधन के लिए ‘वन वे रूट’ लागू किया गया है। प्रशासन ने मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ से सबक लेते हुए इस बार व्यवस्था को पूरी तरह चाक-चौबंद किया है।
रविवार, 2 फरवरी को पूरे देश में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी अवसर पर महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करीब 3 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी सुबह 9:14 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी सुबह 6:52 बजे तक रहेगी। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है, इसलिए यह स्नान 3 फरवरी को होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ क्षेत्र का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि बसंत पंचमी के दौरान सभी व्यवस्थाएं “जीरो एरर” होनी चाहिए। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घाटों की कड़ी निगरानी की जा रही है और संगम नोज इलाके पर किसी को भी रुकने की अनुमति नहीं दी जा रही।
प्रयागराज के डीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि 2 और 3 फरवरी को शहर में यातायात डायवर्जन लागू रहेगा, हालांकि गाड़ियों की एंट्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। महाकुंभ में सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों को शहर की सीमाओं पर ही रोका जाएगा। वहीं, रेलवे ने अमृत स्नान के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की है।
बसंत पंचमी पर अयोध्या में करीब 20 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। प्रशासन ने वहां भी यातायात डायवर्जन लागू कर दिया है, जिससे बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों को सीमाओं पर ही रोका जा सके। भक्तों को सरयू घाट, राम मंदिर और हनुमानगढ़ी तक पैदल पहुंचकर दर्शन और स्नान करना पड़ रहा है।