भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 मैच में एक बड़ा विवाद उस समय पैदा हुआ जब शिवम दुबे को चोट लगने के बाद उन्हें हर्षित राणा से रिप्लेस किया गया। यह फैसला भारत के एक दिग्गज खिलाड़ी ने लिया था, और इस पर इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ियों और उनके फैंस का गुस्सा फूट पड़ा।
पुणे में खेले गए इस मैच में भारत ने इंग्लैंड को हराया, लेकिन इस मैच का एक खास मोमेंट कनकशन सब्सटीट्यूट बना। शिवम दुबे को हेलमेट पर गेंद लगी थी और वह चक्कर आने की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद भारत ने हर्षित राणा, जो तेज गेंदबाज हैं, को मैदान में उतारा। राणा को रिप्लेसमेंट देने की अनुमति पूर्व भारतीय खिलाड़ी और मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने दी।
इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटरों ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया। एलिस्टर कुक ने इसे “पागलपंती” बताया और कहा कि यह फैसला समझ से बाहर था। उनका कहना था कि एक बल्लेबाज को गेंदबाज से रिप्लेस करना पूरी तरह से अनुचित था। केविन पीटरसन और माइकल वॉन ने भी इस फैसले का विरोध किया। वॉन ने तो इसे इस तरह से व्यक्त किया कि “हर्षित राणा भारत के 12वें खिलाड़ी जैसे थे”। इंग्लैंड के कप्तान जॉस बटलर भी इस फैसले से नाराज थे और उन्होंने कहा कि अगली बार इंग्लैंड टीम 12 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतर सकती है।
जवागल श्रीनाथ भारतीय क्रिकेट के दिग्गज तेज गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने 1991 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया और 2003 में अपना आखिरी मैच खेला। उनके नाम 67 टेस्ट मैचों में 236 विकेट और 229 वनडे मैचों में 315 विकेट दर्ज हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कमेंट्री की शुरुआत की और 2006 से आईसीसी द्वारा उन्हें मैच रेफरी के तौर पर चुना गया।
कनकशन सब्सटीट्यूट का नियम यह है कि यदि किसी खिलाड़ी को सिर में चोट लगती है या उसे मानसिक प्रभाव महसूस होता है, तो उसे रिप्लेस करने के लिए टीम एक समान खिलाड़ी का चयन कर सकती है। इस मामले में शिवम दुबे को चोट लगी थी और चक्कर आने की शिकायत थी, इसलिए भारत ने तेज गेंदबाज हर्षित राणा को मैदान में उतारा, जिसे जवागल श्रीनाथ ने अनुमति दी। यह नियम कनकशन की स्थिति में खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, लेकिन इस फैसले पर विवाद अभी भी जारी है।