कर्नाटक के हुबली में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को सन्न कर दिया। 40 साल के पीटर की खुदकुशी ने परिवार और समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दो महीने पहले बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष ने भी खुदकुशी कर अपनी मौत का जिम्मेदार अपनी पत्नी को ठहराया था, और अब हुबली में पीटर ने भी वही कदम उठाया। पीटर ने अपनी आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने अपनी पत्नी को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया। उस नोट में उसने लिखा था, “पिंकी मुझे मार रही है, वह मेरी मौत चाहती है।” इसके बाद पीटर ने अपने जीवन का अंत एक दहशत भरे तरीके से किया, जब उसका परिवार चर्च में था।
पीटर की मौत के बाद जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई, वह थी उसके ताबूत पर लिखी गई लाइन – “MY DEATH IS BECAUSE OF MY WIFE’S TORTURE” (मेरी बीवी के जुल्म की वजह से मेरी मौत हुई है)। यही लाइन उसकी आखिरी ख्वाहिश के मुताबिक उसके ताबूत पर लिखवाई गई। ताबूत पर क्रॉस भी रखा गया था, जिसमें RIP लिखा था और पीटर का नाम तथा जन्म-मृत्यु की तारीख दर्ज की गई थी। इस अजीबोगरीब तरीके से उसने अपनी मौत के कारण को दुनिया के सामने रखा, एक ऐसी मौत जिसे वह अपनी पत्नी के खिलाफ संदेश के रूप में छोड़कर गया। यह घटना समाज के सामने उन रिश्तों की गंभीरता को उजागर करती है, जिनमें घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न को नजरअंदाज किया जाता है।
पीटर की आत्महत्या एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को उजागर करती है, जो घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव से जुड़ा हुआ है। पीटर के परिवार की तरह लाखों लोग मानसिक और शारीरिक शोषण का सामना करते हैं, लेकिन कई बार इसे सामने लाना मुश्किल हो जाता है। पीटर की कहानी हमें यह समझाने की कोशिश करती है कि मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न के प्रभाव कितने गंभीर हो सकते हैं। समाज को इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, ताकि ऐसे दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके और पीड़ितों को मदद मिल सके।