भारतीय वायु सेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं। उन्हें एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है, जो स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर 2025 के वसंत से पहले लॉन्च होगा।
Ax-4 मिशन एक प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें शुभांशु शुक्ला नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन के नेतृत्व वाले दल में शामिल होंगे। इस मिशन में उनके साथ पोलैंड से स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू भी अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। यह मिशन न केवल भारत, बल्कि पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
शुभांशु शुक्ला: वायुसेना के लड़ाकू पायलट से अंतरिक्ष यात्री तक का सफर
जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ, IAF में कमीशन: जून 2006, लड़ाकू पायलट के रूप में, रैंक: मार्च 2024 में बने ग्रुप कैप्टन, अनुभव: Su-30 MKI, MIG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे विमानों पर 2,000+ घंटे की उड़ान, अंतरिक्ष प्रशिक्षण: 2019 में रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में, गगनयान मिशन: इसरो द्वारा भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए चयन
Ax-4 मिशन 14 दिनों तक चलेगा, जिसमें चालक दल वैज्ञानिक प्रयोग, आउटरीच प्रोग्राम और कमर्शियल गतिविधियों का संचालन करेगा। शुभांशु इस मिशन को 1.4 बिलियन भारतीयों की उड़ान मानते हैं और अपनी यात्रा के दौरान भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी साथ ले जाना चाहते हैं। वे ISS पर योग मुद्राएं करने की भी योजना बना रहे हैं।
पृथ्वी की निचली कक्षा में निजी अंतरिक्ष उड़ानों को बढ़ावा देना।नासा-एक्सिओम स्पेस सहयोग के तहत भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि।भविष्य में गहरे अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त करना। शुभांशु शुक्ला की इस ऐतिहासिक उड़ान से भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। क्या यह मिशन भविष्य में इसरो के अंतरिक्ष अभियानों को और मजबूती देगा? यह जानने के लिए सभी की निगाहें शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा पर टिकी हैं।