नई दिल्ली: चीन के एक स्टार्टअप द्वारा लॉन्च किए गए नए AI मॉडल DeepSeek R1 ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में तहलका मचा दिया है। लॉन्च के कुछ ही दिनों में यह ऐप दुनिया का सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला और पॉपुलर ऐप बन चुका है। खास बात यह है कि DeepSeek R1 पूरी तरह से फ्री है, जिससे इसे इस्तेमाल करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। इसके विपरीत, अमेरिकी AI प्लेटफॉर्म जैसे ChatGPT और OpenAI के लिए यूजर्स को भुगतान करना पड़ता है। इस वजह से DeepSeek R1 की पॉपुलैरिटी तेजी से बढ़ रही है।
DeepSeek R1 के आते ही अमेरिकी टेक कंपनियों में खलबली मच गई है। Nvidia जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखी गई है। सिर्फ दो दिनों में Nvidia के शेयर 20% तक गिर गए, जिससे कंपनी को 600 अरब डॉलर (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नुकसान भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप के तीन गुने के बराबर है। अमेरिकी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर पड़े इस असर ने वैश्विक निवेशकों को भी चौंका दिया है।
DeepSeek R1 को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ा इनोवेशन माना जा रहा है। यह ChatGPT और अन्य AI मॉडल्स की तुलना में कम कंप्यूटिंग पावर का उपयोग करता है, लेकिन उतना ही प्रभावी है। यही कारण है कि इसे AI की दुनिया में क्रांति लाने वाला मॉडल कहा जा रहा है। अमेरिका में Google Play Store पर यह सबसे ज्यादा रेटिंग वाला ऐप बन चुका है। हालांकि, कंपनी पर हाल ही में हुए बड़े साइबर अटैक के चलते इसका रजिस्ट्रेशन फिलहाल बंद है।
इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियों को AI के क्षेत्र में अधिक शोध और विकास करने की आवश्यकता है। ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि DeepSeek R1 की तेजी से बढ़ती पॉपुलैरिटी ने अमेरिकी टेक इंडस्ट्री को चुनौती दी है। हालांकि, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अमेरिकी कंपनियां AI की दुनिया में अपना प्रभाव बनाए रखेंगी।