बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जिन्होंने अपने शानदार अभिनय और चर्चित फिल्मों से फैन्स का दिल जीता, अब अपने विवादित जीवन को अलविदा कहकर आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़ी हैं। ममता ने महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े में संन्यास ग्रहण किया और उनका पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। अब उनका नया नाम होगा ‘श्री यमाई ममता नंद गिरि’। किन्नर अखाड़ा, जो सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़ों से अलग है, ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी से सम्मानित किया। इस अखाड़े की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी और इसकी आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी हैं। ममता ने वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भगवा वस्त्र धारण किए, दूध से स्नान किया और पिंडदान कर अपने सांसारिक जीवन को त्याग दिया।
हालांकि, ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना कई सवाल खड़े करता है। उनके जीवन का एक बड़ा हिस्सा विवादों से घिरा रहा है। वर्ष 2013 में उन्होंने ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से शादी की थी, जो दुबई में 12 साल की सजा काट चुका है। 2016 में मुंबई पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के एक मामले में ममता के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया था। उनके नाम पर एक कंपनी से 80 लाख रुपये की ड्रग्स बरामद होने का भी दावा किया गया था। इसके अलावा, बॉलीवुड में उनके अंडरवर्ल्ड कनेक्शन को लेकर भी चर्चाएं रहीं। 1993 में उनके टॉपलेस फोटोशूट ने देशभर में हंगामा मचाया था। इन विवादों के बावजूद, ममता का संन्यास और किन्नर अखाड़े से जुड़ना उनके जीवन में एक नया मोड़ लाता है।
ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े से जुड़ने का निर्णय भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है। किन्नर अखाड़े की खासियत है कि इसमें संन्यास के बाद भी भौतिक जीवन जीने की अनुमति होती है। अन्य अखाड़ों की तुलना में यहां पारिवारिक और सांसारिक रिश्तों को पूरी तरह त्यागना अनिवार्य नहीं है। यही कारण है कि ममता ने इस अखाड़े को चुना और अब वे संन्यासी बनकर भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकती हैं। अखाड़े की इस लचीलापन भरी परंपरा ने ममता को एक ऐसा मंच दिया है, जहां वे विवादों से परे अपनी नई पहचान बना सकें।
फैन्स और धार्मिक समुदाय ममता कुलकर्णी के इस निर्णय को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ इसे उनकी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि अन्य उनके विवादित अतीत की वजह से सवाल उठा रहे हैं। किन्नर अखाड़ा, जो समाज में हाशिये पर खड़े समुदायों के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करता है, अब ममता के जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक बन चुका है। श्री यमाई ममता नंद गिरि के रूप में, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी नई भूमिका को किस तरह निभाती हैं और इस सफर में समाज को क्या संदेश देती हैं।