Thursday, January 30, 2025

Maha Kumbh Mela Quotes in Hindi

  1. पवित्र गंगा किनारे जुटा, श्रद्धा का ये मेला।
    धाराओं संग बहा, भक्ति का रंग अलबेला।
    अमृत की बूँदों से जुड़ा, है इतिहास गहन।
    साधु-संतों की सभा, जागृत होता है मन।
    आरती की ज्योत जलती, अलौकिक दृश्य निराला।
    श्रद्धालु जनों का सागर, होता संगम में हाला।
    पुण्य पाने की चाह लिए, आते देश-विदेश।
    सुर और असुर की गाथा, हर मन को करे शेष।
    आओ इस महायज्ञ में, तन-मन पावन कर लो।
    महाकुंभ की यह कथा, जीवन का मर्म समझ लो।

2. हरिद्वार से प्रयाग तक, तीर्थों का संगम है।
अद्भुत है ये कुंभ मेला, पवित्रता का यम है।
गंगा, यमुना, सरस्वती, संगम में होती मेल।
इस पावन भूमि पर सजता, ये अद्भुत महाकुंभ खेल।
साधु, संत, महात्मा सब, ज्ञान दीप जलाते।
श्रद्धा और भक्ति के दीप, हर मन को रिझाते।
कल्पवासियों की भीड़ यहाँ, सच्चा तप दिखलाती।
हर बूँद गंगा की, मोक्ष की डगर सजाती।
आओ नहाएं संगम में, पाप हर लें सारे।
महाकुंभ की यह लीला, जीवन को तारें।

3. संगम तट पर उमड़ा सागर, भक्ति में रंगीन।
हर दिशा में गूँज रही, गंगा की वाणी बीन।
हज़ारों दीप जलाकर, आरती होती खास।
श्रद्धालु जनों का मेला, ये अद्भुत विश्वास।
अलग-अलग भाषाएँ, एकत्रित होते लोग।
धर्म का मेल है कुंभ, जोड़ता सबको योग।
महाकुंभ की इस धरती पर, गूँजे हरि नाम।
मन करता है यह क्षण, सदा रहे संग्राम।
आओ इस पावन मेले में, जुड़ें हमारी परंपरा।
महाकुंभ का यह सौंदर्य, देखे हर धरा।

4. महाकुंभ के पावन तट पर, साधु ध्यान लगाते।
योगी, नागा और तपस्वी, शिव का नाम जपाते।
हर दिशा में गूँजता, हर हर गंगे का शोर।
पापी का भी पावन होता, गंगा की लहरें घोर।
भस्म रमाए योगी जन, तप का दीप जलाते।
दिव्यता से भरा ये कुंभ, हर दिल को छू जाते।
भक्तों का समर्पण यहाँ, दिखता है हर ओर।
अमृत बूँदों की गाथा, जुड़ी धर्म के छोर।
आओ कुंभ की इस गंगा में, मोक्ष को पाएं।
साधना और श्रद्धा से, जीवन को संवारें।

5. गंगा के तट पर सजा, महाकुंभ का मेला।
पुण्य की आस लिए, हर मन का सपना अलबेला।
दूर-दूर से आते लोग, गंगा की गोद में।
पाप हरने की चाह लिए, श्रद्धा की ओढ़ में।
आरती का संगीत यहाँ, स्वर्ग सा एहसास।
महाकुंभ का हर क्षण, देता मोक्ष का विश्वास।
तीर्थराज के इस तट पर, जीवन को जानो।
गंगा की महिमा गाकर, पवित्रता को पहचानो।
हर बूंद गंगा की, करती पापों का अंत।
महाकुंभ का यह पर्व, है साक्षात् ब्रह्मकंद।

6. हर हर महादेव की गूँज, साधु संतों की टोली।
महाकुंभ के संगम पर, सबके सिर पर जयमाला डोली।
श्रद्धा का विशाल ये पर्व, मोक्ष का द्वार खोलता।
पवित्र गंगा का जल, हर मन को छूता।
घंटों की ध्वनि और मंत्रोचार, भक्तों को लुभाते।
हर दिशा में गूँजता, भक्ति रस छलकाते।
गंगा की पावन धारा, देती मोक्ष का संदेश।
महाकुंभ का ये पर्व, हर मन को करें शेष।
आओ इस संगम में, जीवन का अर्थ खोजें।
महाकुंभ के इस मेले में, धर्म का पथ खोजें।

7. तीर्थों की नगरी में, आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम।
महाकुंभ के इस मेले में, मिलती है जीवन की ऋचम।
हर तरफ़ साधु, योगी, भक्ति के गायक।
गंगा की गोद में डूबते, मिलते मोक्ष के नायक।
त्रिवेणी का संगम, हर मन को भाए।
महाकुंभ के इस पर्व पर, हर जन तर जाए।
नागा बाबा की टोली, रमता युगों की कथा।
गंगा की हर बूँद में, छिपा है मोक्ष का नाता।
आओ संगम में डूब कर, जीवन का अर्थ समझें।
महाकुंभ के इस महायज्ञ में, अपने जीवन को रचें।

8. त्रिवेणी संगम पर, मोक्ष का ये मेला।
गंगा-यमुना की लहरों में, भक्ति का अलबेला।
हर दिशा में गूँजती, हर हर गंगे की आवाज़।
महाकुंभ के इस पर्व पर, छिपा है मोक्ष का राज़।
दूर देश से आते भक्त, गंगा की गोद में।
भक्ति का सागर उमड़ता, गंगा की लहरों में।
साधु-संतों की सभा में, शिव का ध्यान सजाते।
महाकुंभ का यह पर्व, जीवन को मोक्ष दिलाते।
हर क्षण को पावन बनाओ, इस संगम में डूबकर।
महाकुंभ का ये आयोजन, जीवन को पावन कर।

9. अमृत की बूंदें गिरी, ये महाकुंभ की कथा।
साधु-संत और भक्तगण, सुनते मोक्ष का नाता।
तीर्थराज के तट पर, संगम का अद्भुत मेला।
महाकुंभ की ये लीला, हर मन को जोड़े अकेला।
गंगा-यमुना का संगम, देती जीवन को छाँव।
भक्ति और श्रद्धा का मेला, मोक्ष के द्वार दिखाव।
हर व्यक्ति को यहाँ मिले, धर्म का अद्भुत ज्ञान।
महाकुंभ का यह पर्व, जोड़ता हर प्राण।
आओ गंगा की धारा में, जीवन को पावन करें।
महाकुंभ की इस गाथा में, धर्म का सत्य धरें।

10. महाकुंभ की ये धरती, हर मन को बुलाती।
गंगा की लहरों संग, भक्ति की अलख जगाती।
दूर-दूर से आते लोग, पुण्य की राह पर चलते।
महाकुंभ के इस संगम में, पवित्रता में डूबते।
साधु और संतों की टोली, ज्ञान का दीप जलाती।
गंगा किनारे का ये मेला, हर मन को रिझाती।
आस्था का महासागर, महाकुंभ का ये मेला।
पाप और मोह को हरने, अद्भुत है ये खेला।
आओ इस कुंभ मेले में, धर्म को समझो।
महाकुंभ की इस गाथा में, जीवन का सार रचो।

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