प्रयागराज महाकुंभ में मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया का भगवा ड्रेस पहनकर शाही रथ पर बैठकर अमृत स्नान करने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम संत महात्माओं और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जैसे प्रभावशाली हस्तियों द्वारा किए गए विरोध के बावजूद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हर्षा रिछारिया का बचाव किया है। परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने स्पष्ट रूप से कहा कि हर्षा ने ऐसा क्या गुनाह किया है कि लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं। उनके मुताबिक, हर्षा की नारी सशक्तिकरण की मिसाल बनकर महाकुंभ में भागीदारी को लेकर किसी भी प्रकार का विरोध अनुचित है।
महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि हर्षा रिछारिया एक सीधी-सादी और इनोसेंट लड़की हैं, जो नारी सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं। उनका कहना है कि हर्षा को ऐसे बेवजह के आलोचकों से जवाब देने का पूरा अधिकार है। साथ ही, उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 29 जनवरी को होने वाले मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर हर्षा को फिर से शाही रथ पर बिठाया जाएगा और संतों के साथ अमृत स्नान करवा कर नारी सशक्तिकरण का बड़ा संदेश दिया जाएगा।
महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा कि हर्षा रिछारिया उनके राज्य उत्तराखंड की गर्वित बेटी हैं और संतों के बीच वे एक बेटी के समान हैं। उनका यह कहना है कि हर्षा का विरोध कतई उचित नहीं है, क्योंकि वह देश की बेटी हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब 14 जनवरी 2025 को महाकुंभ के पहले शाही स्नान के दिन हर्षा रिछारिया शाही रथ पर बैठीं और स्नान किया, जिस पर विवाद हुआ था।






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