Saturday, December 6, 2025

कौन थी जावेद अख्तर की महबूबा, जिसे पा नहीं सके उसे गीतकार

सिनेमा, साहित्य और कला के क्षेत्र में जावेद अख्तर एक ऐसा नाम हैं, जिसे हर कोई आदर से जानता है। उनकी अद्वितीय प्रतिभा, गहरी सोच, और कलम की धार ने उन्हें एक विशेष मुकाम पर पहुंचाया। लेकिन, इस सफलता के पीछे एक लंबा और कठिन संघर्ष छिपा है। 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में जन्मे जावेद साहब, मशहूर शायर जांनिसार अख्तर के बेटे हैं। बावजूद इसके, उन्हें जिंदगी में कई कठिन दौर देखने पड़े। मुंबई में अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने खुले आसमान के नीचे रातें बिताईं, मगर अपने अथक परिश्रम से वह शख्स बने जिन्हें आज परिचय की जरूरत नहीं। उनके जीवन की कहानी सिर्फ उनके करियर तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके निजी जीवन की मोहब्बतें भी उतनी ही चर्चित रही हैं।

जावेद अख्तर की पहली मोहब्बत का नाम शायद बहुत कम लोग जानते हैं। यह वह महिला हैं, जिन्होंने संघर्ष के दिनों में उन्हें सहारा दिया और मायानगरी में पहला घर दिया। पर किस्मत की बिसात ने ऐसा खेल खेला कि सफलता पाने के बाद गीतकार ने उसी महिला से अपने रिश्ते में दरार डाल दी। साल 2023 में रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री ‘एंग्री यंग मेन’ में जावेद अख्तर ने इस पहली मोहब्बत का जिक्र किया और अपनी गलती पर गहरा पछतावा जताया। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू छलक आए। वह महिला और कोई नहीं, बल्कि उनकी पहली पत्नी हनी ईरानी हैं।

मुंबई के संघर्षपूर्ण दिनों में जावेद अख्तर बेघर थे और जोगेश्वरी में कमाल अमरोही के स्टूडियो में रहते थे। उनकी मुलाकात हनी ईरानी से ‘सीता और गीता’ के सेट पर हुई। पहले दोस्ती हुई और फिर यह दोस्ती मोहब्बत में बदल गई। 21 मार्च 1972 को दोनों ने शादी की। उनके दो बच्चे, फरहान अख्तर और जोया अख्तर हैं। हनी ईरानी ने जावेद के कठिन दौर में उनका हर कदम पर साथ दिया। लेकिन जीवन में आई शबाना आजमी के कारण दोनों के रिश्ते में दूरियां बढ़ीं और 1984 में तलाक हो गया।

‘एंग्री यंग मेन’ में जावेद अख्तर ने हनी ईरानी से अलगाव को अपनी सबसे बड़ी भूल बताया। उन्होंने कहा, “हनी इस दुनिया की एकमात्र इंसान हैं, जिनके प्रति मैं अपराधबोध महसूस करता हूं। रिश्ता टूटने की 60 से 70 प्रतिशत जिम्मेदारी मेरी है। अगर आज वाली समझ तब होती, तो शायद चीजें बेहतर होतीं। यह स्वीकारना कठिन है, लेकिन यही जीवन है।” हनी ईरानी ने भी उनकी पहली मुलाकात का किस्सा साझा किया, जब रमी खेलते हुए जावेद ने उनके लिए एक कार्ड खींचने को कहा और जीत गए। उसी पल उन्होंने मजाक में कहा, “तुम मेरे लिए बनी हो,” और उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया।

हनी ईरानी ने अपने वक्त के संघर्ष को पीछे छोड़ते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं जावेद अख्तर की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में रिश्तों की अहमियत को समझना भी उतना ही जरूरी है जितना की सफलता के शिखर को छूना।

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