मकर संक्रांति के मौके पर महाकुंभ 2025 में पहले अमृत स्नान के दौरान अंतर्राष्ट्रीय किन्नर अखाड़े की सदस्य महामंडलेश्वर शिव लक्ष्मी ने स्नान का अनुभव साझा किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश DGP प्रशांत कुमार और कथा वाचक जया किशोरी ने भी महाकुंभ के महत्व पर अपनी बात रखी। महाकुंभ का यह पर्व श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय प्रतीक बनकर उभरा। पूरे दिन श्रद्धालु संगम में स्नान करते हुए पुण्य कमा रहे हैं, और सभी जगह शांति और समृद्धि की कामना हो रही है।
नमस्कार, आप देख रहे हैं The Khabardar News. महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के मौके पर मकर संक्रांति का पर्व आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर लाखों श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और इस मौके पर किन्नर अखाड़े समेत कई संत महात्मा भी संगम तट पर स्नान कर रहे हैं। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है।
आज मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान में अंतर्राष्ट्रीय किन्नर अखाड़े की सदस्य महामंडलेश्वर शिव लक्ष्मी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “यह एक अद्भुत और सुंदर अनुभव है। आज हम किन्नर अखाड़े के साथ जूना अखाड़े के शाही स्नान का हिस्सा बने। इस धार्मिक आयोजन में भाग लेना एक आशीर्वाद की तरह है और मैं मोदी सरकार और योगी सरकार का धन्यवाद देना चाहती हूं।” किन्नर अखाड़े के सदस्य इस पर्व को भक्ति और श्रद्धा के प्रतीक के रूप में देखते हैं और अपने अनुभवों को श्रद्धालुओं के साथ साझा कर रहे हैं।
साथ ही, कथा वाचक जया किशोरी ने भी इस अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि मैं पहली बार कुंभ में स्नान के लिए आई हूं। मैं चाहूंगी कि देश का हर व्यक्ति महाकुंभ के दर्शन कर सके।” वे महाकुंभ को हमारे धर्म और संस्कारों को दुनिया के सामने लाने का एक अद्भुत अवसर मानती हैं, ताकि युवा पीढ़ी का ध्यान भक्ति और भगवान के प्रति आस्था की ओर आकर्षित हो सके।
वहीं उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने महाकुंभ के आयोजन पर कहा, “हमने पुलिस बल और मेडिकल सुविधाओं के साथ स्थिति को नियंत्रित किया है। थर्मल इमेजिंग के माध्यम से भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। इस बार महाकुंभ में करीब 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है और हम शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।”
महाकुंभ के इस पर्व में धार्मिक नेताओं और संतों का योगदान महत्वपूर्ण है। किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर रामयेनारायम गिरी ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस आयोजन के दौरान कोई भी कष्ट न हो और सभी जगह शांति और समृद्धि रहे।” मकर संक्रांति का यह स्नान न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मानित करता है।