भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में अपनी बादशाहत खो दी। सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 1-3 से सीरीज जीतकर 10 साल बाद ट्रॉफी पर कब्जा किया। खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन और लगातार तीन मैचों में हार भारतीय टीम की हार की वजह बने।
नमस्कार! आप देख रहे हैं द खबरदार न्यूज। आज की सबसे बड़ी खबर क्रिकेट के मैदान से—बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की बादशाहत खत्म हो गई है। एक दशक के इंतजार के बाद ऑस्ट्रेलिया ने ये ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। भारत ने सीरीज की शुरुआत जीत के साथ की, लेकिन उसके बाद तीन लगातार हार झेलनी पड़ी। आइए, जानते हैं इस रोमांचक लेकिन भारत के लिए निराशाजनक सफर की पूरी कहानी।
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का अंतिम टेस्ट भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए निराशा लेकर आया। जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में उतरी टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। लेकिन भारतीय बल्लेबाज उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और पूरी टीम पहली पारी में महज 185 रन पर सिमट गई। ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट बोलैंड ने घातक गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट चटकाए। मिचेल स्टार्क ने भी 3 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया।
हालांकि, भारतीय गेंदबाजों ने पहली पारी में टीम की वापसी करवाई और ऑस्ट्रेलिया को 181 रन पर समेट दिया। प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज ने 3-3 विकेट लिए, जबकि बुमराह और नीतीश रेड्डी को 2-2 सफलताएं मिलीं। इस पारी में ब्यू वेबस्टर ने अपने डेब्यू मैच में 57 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा योगदान दिया। भारतीय टीम को पहली पारी में 4 रन की मामूली बढ़त तो मिली, लेकिन बल्लेबाजों की कमजोरी दूसरी पारी में भी सामने आई।
दूसरी पारी में एक बार फिर ऋषभ पंत ने टीम के लिए संघर्ष किया। उन्होंने केवल 33 गेंदों पर ताबड़तोड़ 61 रन बनाए, लेकिन बाकी बल्लेबाजों का साथ न मिल पाने के कारण पूरी टीम सिर्फ 157 रन पर ढेर हो गई। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 162 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने आसानी से हासिल कर लिया और एकतरफा अंदाज में 10 साल बाद ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।