क्यों प्रिय है Mahadev को बेलपत्र, जाने इसके पीछे का महत्व और पौराणिक कथा

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जानें भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा और इसके नियम

हिंदू धर्म में भगवान शिव को सच्चे दिल से पूजा करने पर उनकी विशेष कृपा मिलती है, और विशेष रूप से सावन के महीने में उन्हें प्रसन्न करना बहुत शुभ माना गया है। इस दौरान शिव जी की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि इस पूजा से शिव जी का आशीर्वाद मिलता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

जब समुद्र मंथन से उत्पन्न विष को निगलकर भगवान शिव ने संसार की रक्षा की, तब उनका शरीर अत्यधिक गर्म हो गया था। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए देवताओं ने उन्हें बेलपत्र अर्पित किए, जिससे उनके शरीर का तापमान कम हुआ। तभी से यह परंपरा बन गई कि शिव को बेलपत्र चढ़ाना आवश्यक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बेलपत्र की तीन पत्तियां त्रिदेव, तीन गुण (सत्व, रज, तम), और महादेव की तीन आंखों का प्रतीक मानी जाती हैं।

Bel Patra Rituals (बेलपत्र चढ़ाने के नियम):

  1. हमेशा चिकनी सतह वाला बेलपत्र अर्पित करें।
  2. इसे अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली से चढ़ाएं।
  3. शिव जी को पूर्ण पत्तियां अर्पित करें, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है।

भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन में विशेष पूजा और बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इन नियमों का पालन कर भक्त शिव जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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