आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से विकास न केवल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बदलाव ला रहा है, बल्कि भारत जैसे देशों में रोजगार के अवसरों को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। एक हालिया सर्वेक्षण और रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक भारत में AI की वजह से लाखों नई नौकरियों के सृजन की संभावना है। हालांकि, इसका प्रभाव मिश्रित हो सकता है, क्योंकि कुछ उद्योगों में नौकरियां कम होने की भी आशंका है।
AI के प्रभाव से जुड़ी चिंताएं और संभावनाएं
- नौकरी खोने का डर:
AI से जुड़ी स्वचालन (automation) तकनीकों के कारण कुछ पारंपरिक नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। उदाहरण के लिए, सामग्री निर्माण (content creation) और डेटा एंट्री जैसी नौकरियां, जहां AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, कम हो सकती हैं। - नए कौशलों की मांग:
AI के क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, और प्रोग्रामिंग (जैसे पायथन) जैसे कौशलों की मांग अधिक है। Indeed की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 42% AI से जुड़ी नौकरियों में मशीन लर्निंग की आवश्यकता है, जबकि 40% नौकरियां पायथन प्रोग्रामिंग स्किल्स की मांग करती हैं। - बढ़ता हुआ AI बाज़ार:
NASSCOM और BCG की रिपोर्ट के अनुसार, 2027 तक भारत का AI बाज़ार $17 बिलियन तक पहुंच सकता है। इस क्षेत्र में 25-30% वार्षिक वृद्धि की संभावना है, जो इसे रोजगार के नए अवसर पैदा करने में सक्षम बना सकता है।
सरकार और उद्योग की पहल
- सरकारी नीति और विनियमन:
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि AI का उपयोग मानव हित के लिए किया जाएगा और इसके नकारात्मक प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए रेगुलेशन लागू किए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य AI का ऐसा उपयोग सुनिश्चित करना है जो समाज को लाभ पहुंचाए। - उद्योग सहयोग:
NVIDIA और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए एक समझौते के तहत भारत को AI हब बनाने की योजना है। NVIDIA के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने कहा कि भारत के पास पर्याप्त डेटा और मानव संसाधन हैं, जिसे AI इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए उपयोग में लाया जा सकता है।
चुनौतियां और समाधान
- कौशल अंतर:
कई पारंपरिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को AI के लिए आवश्यक कौशलों की जानकारी नहीं है। इसे दूर करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और पुनः कौशल (reskilling) कार्यक्रमों की आवश्यकता है। - नौकरी स्थानांतरण:
AI से प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार खोने वाले लोगों के लिए नए क्षेत्रों में नौकरी स्थानांतरण को सुगम बनाना आवश्यक होगा। उदाहरण के लिए, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में AI-समर्थित समाधान नौकरियों का एक बड़ा स्रोत बन सकते हैं।
निष्कर्ष
AI का भारत में रोजगार पर सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों प्रभाव होगा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि यदि सरकार और उद्योग मिलकर आवश्यक बुनियादी ढांचे और नीतियों पर ध्यान दें, तो AI भारत को वैश्विक AI हब बनाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, रोजगार बढ़ाने और कौशल विकास के माध्यम से इस क्षेत्र का सकारात्मक प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया जा सकता है।