त्योंथर MLA Siddharth Tiwari की जनसभाओं के लिए Wakeup Call: Journalist Vijay द्वारा समस्याओं का परीक्षण और समाधान!

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मध्यप्रदेश, रीवा के त्योंथर विधानसभा के विधायक सिद्धार्थ तिवारी (Siddharth Tiwari) ने त्योंथर (Teonthar) के विश्राम गृह में साप्ताहिक जनसभा की शुरुआत कर जनता की शिकायतों को सुनने का प्रयास शुरू किया है। ऐसे में #TeontharJanSabha2024 के माध्यम से अब त्योंथर की जनता को अपने विधायक से मिलना आसान हो गया है। क्योंकि स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि विधायक उनका फोन नहीं उठाते हैं, ऐसे में क्षेत्र की जनता का अपनें विधायक से अब आसन हो गया है. विधानसभा त्योंथर के लोग अब आसानी से अपनी शिकायत लेकर विधायक के पास जा सकते हैं।

हलाकि, आयोजित जनसभाओं में कई खामियां देखनें को मिल रही है जिनमें इन जनसभाओं में विधायक सिद्धार्थ के समर्थकों का जमावड़ा मुख्य समस्या बन चुका है.

हम त्योंथर में संचालित होने वाली जनसभाओं को और अधिक प्रभावशाली और शुद्ध बनाने के लिए कुछ सुझाव देना चाहते हैं:

समर्थकों की संख्या सीमित करें: जनसभाओं में विधायक के समर्थकों की संख्या कम करना अत्यंत आवश्यक है ताकि भीड़ को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके और सभी लोग अपनी बात बिना किसी भय के कह सकें। समर्थकों की अधिक उपस्थिति से सभा का माहौल बोझिल हो जाता है और आम जनता को खुलकर अपनी समस्याएँ बताने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, जब समर्थक संख्या में अधिक होते हैं, तो यह सभा की प्राथमिकता को भी विकृत कर देता है, क्योंकि जनता की वास्तविक समस्याएँ समर्थकों के शोर-शराबे में खो जाती हैं। इस प्रकार, समर्थकों की संख्या नियंत्रित करने से सभा अधिक संगठित और फोकस्ड बनेगी।

महत्वपूर्ण राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें: यह सुनिश्चित करना अति आवश्यक है कि राजस्व विभाग के प्रमुख अधिकारी, जैसे कि राजस्व निरीक्षक (आरआई) और तहसीलदार, इन बैठकों में अवश्य उपस्थित हों। इन अधिकारियों की उपस्थिति से स्थानीय मुद्दों का समाधान तेजी से और प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा। राजस्व विभाग के अधिकारियों की जानकारी और अधिकार क्षेत्र से कई समस्याओं का समाधान तुरंत और सही तरीके से किया जा सकता है। उनकी उपस्थिति न केवल समस्याओं के समाधान में मदद करेगी, बल्कि जनता में विश्वास और पारदर्शिता भी बढ़ाएगी।

प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति: एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट), एसडीपीओ (सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर), और सभी पुलिस स्टेशन इंचार्ज का होना अनिवार्य है ताकि प्रशासनिक और कानून व्यवस्था से संबंधित समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके। इन अधिकारियों की उपस्थिति से जनता को यह विश्वास होगा कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा, प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति से अपराध और अन्य कानून व्यवस्था की समस्याओं पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी, जिससे जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना बनी रहेगी।

बिजली विभाग के प्रमुख अधिकारी की उपस्थिति: बिजली से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए बिजली विभाग के प्रमुख अधिकारी का उपस्थित होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिजली विभाग के अधिकारी की उपस्थिति से बिजली आपूर्ति, बिलिंग, और अन्य तकनीकी समस्याओं का समाधान तेजी से किया जा सकेगा। बिजली विभाग के अधिकारी की उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि बिजली से संबंधित समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी और उनका समाधान तत्काल प्रभाव से किया जाएगा।

सभी सरकारी कर्मचारियों के पास नोटबुक होनी चाहिए: बैठक में भाग लेने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के पास नोटबुक होनी चाहिए ताकि वे सीधे निर्देशों को लिख सकें और उन पर त्वरित कार्रवाई कर सकें। नोटबुक का उपयोग अधिकारियों को निर्देशों को ठीक से समझने और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने में मदद करेगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी या निर्देश मिस न हो और हर समस्या का समाधान उचित समय में किया जा सके। नोटबुक का उपयोग प्रशासनिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देगा, जिससे जनता का विश्वास मजबूत होगा।

इन सुझावों को अपनाकर विधायक सिद्धार्थ तिवारी #TeontharJanSabha2024 को अधिक प्रभावी और सार्थक बना सकते हैं। इससे जनता के साथ उनका संवाद बेहतर होगा और उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा।

Written by: Journalist Vijay

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