रीवा जिले के मनगवां तहसील क्षेत्र के रघुराज गढ़ में पदस्थ पटवारी ने किसान के काम करने के बदले 7500, रूपए बतौर सेवा शुल्क मांगने पर किसी जागरूक व्यक्ति ने vdo बना लिया जो सोशल मीडिया पर आने के बाद निलंबित कर दिया गया है, अब सवाल यह उठता है कि रीवा जिले ही नहीं मध्यप्रदेश में ऐसा कौन पटवारी है जो घूंस खोरी नहीं करते हैं वगैर घूंस लिए कोई भी काम करने में पटवारी अपनी तौहीन समझते हैं, मध्यप्रदेश में लोकायुक्त के आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में पटवारी एवं पुलिस घूंसखोरी करने में अब्बल हो गई है, कोई भी सरकार पटवारी की घूंस खोरी रोकने में असफल है,अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ही इस पर कड़े फैसले ले सकते हैं जो पटवारी को सिर्फ नोटिस तामील करने एवं राजस्व विभाग में सहायक बना दे तहसीलदार स्वयं एक गांव में जाकर एक महीने मे उस गांव के किसानों की समस्याएं निराकृत करें, चूंकि जो मामले छन कर सामने आ रहे हैं उसमें राजस्व विभाग का नीचे से लेकर आयुक्त तक सीधे लेन-देन होता है कभी फैसले के नाम पर कभी जांच के नाम पर एक पटवारी को निलंबित करने से विभाग की बदबू नहीं खत्म हो जायेगी ।
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