रीवा संयुक्त किसान मोर्चे के संयोजक शिव सिंह एडवोकेट ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट न्यायालय तहसील हुजूर रीवा एवं केंद्रीय जेल रीवा से स्वयं सहित किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद जारी रिहाई आदेश के गायब होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिनांक 11 फरवरी 2024 को संयोजक शिव सिंह सहित किसान नेता रामजीत सिंह इंद्रजीत सिंह शंखू शोभनाथ कुशवाहा संतकुमार पटेल अनिल सिंह जवा शिवपाल सिंह एड को थाना सिविल लाइन की पुलिस ने ऋतुराज पार्क रीवा से दौरान मीटिंग धारा 151 107 116 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत यह आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था कि सभी किसान नेता दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को और तेज करने ऋतुराज पार्क रीवा में बैठकर रणनीति तैयार कर रहे थे किसानों को भड़का रहे थे मना करने पर उग्रता दिखाकर लड़ने मरने के लिए तैयार हो रहे थे जिस पर थाना सिविल लाइन की पुलिस ने इस्तगासा क्रमांक 14/24 तैयार कर सभी नेताओं को कार्यपालिका मजिस्ट्रेट तहसील हुजूर रीवा के न्यायालय में प्रस्तुत किया था जहां से प्रकरण क्रमांक 63/24 दर्ज कर केंद्रीय जेल रीवा भेजने का आदेश पारित किया गया था और सरकार के दबाव के चलते रिहाई आदेश जारी नहीं किया जा रहा था तब जिले के किसान नेताओं एवं किसानों तथा मजदूर संगठनों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया तब जाकर 14 फरवरी को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय से रिहाई आदेश भेजने के बाद दोपहर के पहले ही नेताओं को जेल से रिहा किया गया था इसके बाद मोर्चे के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि मैंने रिहाई आदेश एवं अन्य दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति कार्यपालिक मजिस्ट्रेट न्यायालय से मांगी थी जिस पर रिहाई आदेश छोड़कर सभी प्रमाणित दस्तावेज प्रदान किए गए और रिहाई आदेश के संबंध में यह कहा गया कि हमारे यहां से एक ही प्रति रिहाई आदेश जारी होता है जो जेल भेजा गया है जेल में मौजूद है तब सूचना अधिकार अधिनियम के तहत केंद्रीय जेल रीवा से जेल अवधि एवं रिहाई आदेश की प्रमाणित प्रति की मांग किया था जिस पर केंद्रीय जेल रीवा की ओर से सिर्फ जेल अवधि की प्रमाणित प्रति प्रदान की गई लेकिन रिहाई आदेश की प्रमाणित प्रति के संबंध में यह कहा गया कि वारंट के साथ वापस मजिस्ट्रेट न्यायालय भेज दिया जाता है इसलिए रिहाई आदेश जेल में मौजूद नहीं है इस संबंध में मौखिक रूप से जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है शिव सिंह ने इस सारे मामले की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच की मांग के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है तथा शीघ्र रिहाई आदेश प्रदान नहीं किया गया तो अपील में जाने की भी बात कही गई है।
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