Rewa News: विला वांग स्कूल मालिक ने मुनाफा खोरी का अपराध कबूला जिला कलेक्टर ने फिर क्यों नहीं दर्ज कराया अग्रसेन बुक दुकान मालिक एवं आशीष काकवान के खिलाफ मुकदमा

0
46

विलावांग स्कूल मालिक ने मुनाफा खोरी का अपराध कबूला जिला कलेक्टर ने फिर क्यों नहीं दर्ज कराया अग्रसेन बुक दुकान मालिक एवं आशीष काकवान के खिलाफ मुकदमा, जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यों को लेकर आम अभिभावकों ने आरोपी को बचाने का लगाया आरोप
रीवा
जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा अधिकारी की छापामार कार्रवाई के बाद जब आरोपी ने अपना अपराध लिखित में स्वीकार कर लिया है तब पुलिस को मुनाफा खोरी करने का अपराध दर्ज करने का आदेश नहीं देना ऐसा साबित होता है सब कुछ दिखावटी कार्रवाई कर अपनी डील कर ली जाती है, यह सुदामा लाल गुप्ता पर तो पूरी तरह से सटीक बैठता है चूंकि गंगा उपाध्याय से कुर्सी छीनने की तगड़ी बोली लगाई थी, सुदामा लाल गुप्ता सीधी जिले में भी इसी तरह की गतिविधियों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं, रीवा जिला प्रशासन द्वारा जब टीम भेज कर बिलाबांग स्कूल प्रबंधन का कार्यकाल सीज कर दिया गया अग्रसेन बुक दुकान से मुनाफा खोरी करने का बैंग जप्त हो गया है आरोपी स्कूल मालिक ने आवेदन देकर अपराध स्वीकार कर लिया है तब फीस समायोजन का नाटक क्यों किया गया यह प्रश्न जिला कलेक्टर के कार्य एवं सुचिता पर प्रश्न चिन्ह बना हुआ है कि अपराध स्वीकार करने के बाद भी पुलिस को नहीं सौंपा गया न ही मुनाफा खोरी का अपराध दर्ज किया गया,,जो यह प्रमाणित करता है की चोर को अपराध कबूल करने के बाद एस पी को इज्जत के साथ घर पहुंचा देना चाहिए, रीवा शहर में हर गंभीर रूप से आर्थिक अपराध क़ुछ अपराधिक प्रवृत्ति के सिन्धी करते हुए भरपूर काला बाजारी करते हैं छम्मन सिंधीं का आईं पी एल सट्टा कारोबार एक करोड़ से अधिक नगदी का मिलना पुलिस की दो दिन बाद बोलतीं बंद हो जाना छ: लोगों का जिनका नाम सहयोगी का सामने आया उन्हों अभय दान दें दिया गया जिससे यह साबित होता है कि इस तरह के अनेकानेक अपराध सरकार की गोंद में बैठ कर किया जाता है, सरकार इनके गलत कार्य की सरंक्षक है, रीवा शहर में जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला प्रशासन की असहज होने जैसी स्थिति पैदा हो गई है, कि आरोपी अपराध कबूल लिया और जिला शिक्षा अधिकारी माला पहनाकर आरोपी के सामने दंडवत हो गये, आम अभिभावकों का आरोप है कि मुनाफा खोरी सरकार एवं जिला कलेक्टर के संरक्षण में निजी स्कूलों में एवं किताब यूनीफार्म दुकानों में किया जा रहा हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here