UP Politics: मध्य शासन के मुख्यमंत्री मोहन यादव का सपा के गढ़ में भारतीय जनता पार्टी खेलेगी दांव.

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अपने ही गढ़ में अखिलेश डिंपल के लिए चुनौती बना एमवाइ समीकरण मोहन यादव के सहारे भारतीय जनता पार्टी लगा रही बड़ी सेंध
समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ों को ढहाने के लिए भाजपा भी यादव का दांव खेलने जा रही है। इसके लिए उसने एमवाइ (मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव) अस्त्र तैयार किया है। चुनावी चौसर पर यह यादव चेहरा ही समाजवादी लड़ाकों को चुनौती देगा और भाजपा उसके सहारे विरोधियों को मात देने का ताना-बाना बुनेगी।
मैनपुरी, फिरोजाबाद आदि सीटों पर मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सभाएं तो होंगी हीं, भाजपा अपने इस स्टार प्रचार से ऐसे क्षेत्रों में घर-घर जनसंपर्क कराने की रणनीति भी तैयार कर रही है।
मैनपुरी से 10 चुनावों में अजेय रही सपा
मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। बीते 10 चुनावों से सपा यहां अजेय रही है। कारण, लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की बहुलता को माना जाता है। यहां चार लाख से अधिक यादव मतदाता हैं। फिरोजाबाद सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या चार लाख से अधिक मानी जाती है। एटा में यादव निर्णायक स्थिति में तो नहीं हैं, परंतु संख्या बल ठीकठाक है।
मोदी लहर भी सपा ने दर्ज की थी जीत
भाजपा का सबसे ज्यादा जोर मैनपुरी और फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर है। मैनपुरी सीट भाजपा वर्ष 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी नहीं जीत पाई थी। इस बार भाजपा अपने अन्य वर्गों के मतदाताओं के साथ यादव मतों का साथ पाने की बड़ी तैयारी में लगी है। इन कोशिशों के साथ पार्टी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इसके लिए अपना सबसे बड़ा साधन मान रही है। भाजपा नेताओं के मुताबिक, मैनपुरी सीट पर मोहन यादव की सभाओं और समय के लिए हाईकमान से अनुरोध किया जा चुका है। जसवंतनगर और करहल क्षेत्र में उनकी जनसभाएं करानी हैं। इसके अलावा दो से तीन दिन इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों के यादव बहुल इलाकों में डोर टू डोर जनसंपर्क कराने की कोशिश होगी। मोहन यादव से प्रचार कराने का यही फार्मूला फिरोजाबाद, एटा और अन्य यादव बहुल सीटों पर अपनाया जाएगा।

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