Friday, December 5, 2025

Dewas News: लोकसभा क्षेत्र के रण संग्राम में कौन मारेगा बाजी: तीन चुनाव, एक बार कांग्रेस, दो बार बीजेपी ने दिखाया दम

मध्य प्रदेश की देवास लोकसभा सीट चार जिलों के हिस्सों से बनाई गई है। पूरे मालवा के ज्यादातर क्षेत्रों में बीजेपी का दबदबा रहा है। इस क्षेत्र की राजनीति इंदौर की राजनीति के अनुसार बदलती रहती है, 2008 में अस्तित्व में आने के बाद यहां एक बार कांग्रेस को जीत मिली तो वहीं दो बार बीजेपी ने बाजी मारी है। इस लोकसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी से महेंद्र सोलंकी सांसद हैं। प्रसिद्ध टेकरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध देवास की राजनीति सीधे तौर पर इंदौर से प्रभावित से रहती है। उज्जैन से मोहन यादव के सीएम बनने के बाद से इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा और भी ज्यादा हो गया है। देवास लोकसभा को चार अलग अलग जिलों के हिस्सों से मिलकर बनाया गया है। बता दें कि देवास में चामुंडा माता का मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है और यहां पर देवास बल्कि पूरे मालवा क्षेत्र के भक्त दर्शन करने आते हैं।
टेकरी वाले चामुंडा माता मंदिर की भी कई मान्यताएं हैं। यहां पर मां भवानी दो स्वरूपों में विराजमान हैं। इनमें से एक है चामुंडा माता का और दूसरा है तुलजा भवानी का, इस सिद्ध शक्तिपीठ के दर्शन के लिए पूरे प्रदेश से लोग यहां पहुंचते हैं । यह देवास में स्थित टेकरी पर बना हुआ है जो कि देखने में बहुत सुंदर है। हर नवरात्रि पर यहां लाखों की संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। यहां विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। यहां पर एक और सुंदर स्थान है जिसे मीठा तालाब कहा जाता है। इसके अलावा यहां पर पंवार राजाओं की छत्रियां भी दर्शनीय हैं।
हिंदू मंदिरों के साथ-साथ देवास जिला जैन धर्मावलंबियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। यहां पर स्थित पुष्पगिरी तीर्थ है। यहां पर पारसनाथ भगवान और पद्म प्रभु जैन मंदिर मिलते हैं। इन मंदिरों की शिल्पकलां बरबस ही मन को मोह लेने वाली है। इनके अलावा सोनकच्छ के पिपलेश्वर महादेव और कोटेश्वर महादेव मंदिर भी यहां श्रद्धालुओं के हृदय में विशेष स्थान रखते हैं. यहां पर पास में ही कावड़िया पहाड़ी भी है, जहां पर कई पत्थरों की चट्टानें एक विशेष आकृति में कटी हुई हैं। यह सभी चट्टानें प्राकृतिक रूप से कटी हैं। यह देवास जिले के पोटलागांव से करीब 1 किलोमीटर दूर है।
देवास लोकसभा सीट को चार जिलों के हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है और आठ अलग अलग जिलों की विधानसभाओं को शामिल किया है. इनमें देवास जिले की देवास, सोनकच्छ और हाटपिपलिया, शाजापुर जिले की शाजपुर, सुजालपुर और कालापीपल, आगर मालवा जिले की आगर, सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा को शामिल किया गया है. इन सभी विधानसभाओं पर बीजेपी काबिज है।
मालवा के पूरे क्षेत्र में बीजेपी का अच्छा-खासा दबदबा है। इस लोकसभा सा 2008 में निर्वाचन किया गया था जिसके बाद 2009 में हुए चुनाव में यहां पर कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने शानदार जीत दर्ज की थी। हालांकि इसके बाद इस क्षेत्र से 2014 में बीजेपी के मनोहरलाल और 2019 में बीजेपी के महेंद्र सोलंकी ने बाजी मारी है।
पिछले चुनाव में क्या रहा ?
इस लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव की बात की जाए तो बीजेपी ने महेंद्र सोलंकी को चुनावी मैदान में उतारा था जबकि कांग्रेस ने उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में प्रह्लाद सिंह तिपानिया को टिकट दिया था। इस चुनाव में बीजेपी के महेंद्र सोलंकी को 8.62 लाख वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के प्रह्लाद को 4.90 लाख वोट मिले थे। बीजेपी के महेंद्र सोलंकी ने कांग्रेस के प्रह्लाद सिंह को 3.72 लाख वोटों के भारी-भरकम अंतर से करारी शिकस्त दी थी।

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