पठारी टीआई राय एवं उप निरीक्षक पवार के प्रयासों से 24 घंटे मै किया अंधे कत्ल का पर्दाफास, तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

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विदिशा जिले के पठारी मे विगात गुरुवार को पठारी पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि, ग्राम बिसराही मे हनोता डेम के सर्विस रोड के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी होने की सूचना प्राप्त हुई सूचना की तहकीकत हेतु तत्काल घटनास्थल पर थाना प्रभारी विमलेश राय उप निरीक्षक के के पावर पुलिस बल के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए जहां मौके पर एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी हुई मिली, पुलिस ने स्थानीय लोगो से पूछताछ की गई जिस पर ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं होने पर आसपास के सभी थानो मे उक्त लाश की फोटो साझा की है, कुछ समय उपरांत थाना खुरई शहर जिला सागर से सूचना प्राप्त हुई की उक्त मृतक के परिजन थाना खुरई मे सुरेन्द्र राजपूत की गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने आए है, परिजनो के घटना स्थल पर पहुंचने के उपरांत उनके द्वारा उक्त लाश की शिनाख्तगी सुरेन्द्र पिता स्व. जगदीश राजपूत उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम मुहली मुहक्कम हाल महावीर वार्ड, खुरई जिला सागर के रूप मे की गई, सूचना से जिला पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला एवं एसडीओपी मनीष राज को अवगत कराया गया,परिजनो की रिपोर्ट पर पठारी टीआई विमलेश राय ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध क्र. 52/24 धारा 302 आईपीसी का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे के मार्ग दर्शन मे एवं एसडीओपी कुरवाई मनीष राज के नेतृत्व मे अज्ञात आरोपी की तलाशी मे टीमो को गठित कर खुरई रवाना किया गया मुखबिरो द्वारा सूचना प्राप्त हुई की cctv कंट्रोल रूम खुरई मे मृतक के साथ आरोपी को देखा गया गया है, एसडीओपी के आदेशानुसार तत्काल सभी टीम खुरई रवाना हुई, एसडीओपी खुरई, शहर थाना प्रभारी, ग्रामीण थाना प्रभारी स्थानीय पुलिस की मदद से काफी मसक्कत के बाद सीसीटीवी फोटेज मे दिखे आरोपी की पहचान खुरई निवासी राकेश पटेल के रूप मे की गई, मुखबिरो की मदद से आरोपी राकेश पटेल को तलाश किया गया। जो अपने अन्य दो साथियों के साथ उसके घर पर मिला। जिन्हे पुलिस अभिरक्षा मे लेकर पूछताछ की गई, जो बताया कि मुहली मुहक्कम जिततू उर्फ जितेंद्र राजपूत के कहने पर अपने राकेश पटेल और नमन गुप्ता के साथ मिलकर सुरेन्द्र की हत्या कर घटना को अंजाम देने की बात को स्वीकार किया गया,

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तकनीकी संसाधनो से घटना के मुख्य आरोपी जित्तू उर्फ जितेंद्र राजपूत से पूछताछ पर बताया कि “मैंने पुरानी रांजिस जिसमे मृतक सुरेन्द्र राजपूत उसके पिता जगदीश राजपूत की हत्या के अपराध में महत्वपूर्ण गवाह एवं मुख्य फरियादी था इसके चलते सुरेन्द्र राजपूत की हत्या करने का सोचा था एवं घटना को अंजाम देने के लिए साथियों की जरूरत हेतु मैंने शक्ति बस के ड्राईवर राकेश पटेल निवासी खुरई से दोस्ती की एवं उसका कर्ज उतारने एवं तीन लाख रुपये मे सुरेन्द्र की हत्या करने की घटना को अंजाम देने का तय किया गया, घटना दिनांक 03/04/24 को प्लान के अनुसार राकेश पटेल व नमन गुप्ता निवासी खुरई के साथ सुरेंद्र को उसकी मोटरसाइकिल से लेकर घटना स्थल ग्राम बिसराही हनोता डेम सर्विस रोड लाये तभी तीसरा आरोपी जितेंद्र राजपूत वहां पहुंचा और सुरेन्द्र को अत्यधिक शराब पिलाने के बाद नशे की हालत मे उसके गमछे से उसका गला दबाया एवं छाती पर लात रखकर वही पास मे पड़ा पत्थर उसके सिर पर पटक दिया जिससे सुरेन्द्र घटना स्थल पर ही मर गया फिर वह से हम तीनों लोग निकल आए” आरोपीगण के जुर्म कबूलने के बाद आरोपीगण से मुताबिक धारा 27 भा.सा.अधि. के मेमो. के साक्ष्य जप्त किये गये। आरोपीगण गण व्दारा अपराध धारा 302,34 भादवि के तहत अपराध घटित करने पर आरोपीगणो की गिरफ्तार किया गया। जिन्हे माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया किया गया। आरोपियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण योगदान कुरवाई एसडीओपी मनीष राज एसडीओपी खुरई सचिन परते टीआई पठारी विमलेश कुमार राय उनि. कमल किशोर पवार, सउनि. गुरुदत्त शर्मा, प्र.आर. उत्तम सिंह, आर. अरुण तिवारी, चार्लीराम यादव, हेमंत लोधी,नीरज चौबे, दिलीप धाकड़,प्रवीण चाढर , म.आर. द्रोपति तिवारी, म.आर स्वाति कटारे, दीपक मेहरा, संजय भांवर, पुष्पेंद्र वही साइबर सेल टीम विदिशा, एफ़एसएल टीम विदिशा की मुख्य भूमिका रही ।

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