नसे में चूर सचिव की सीईओ को खुली चुनौती ग्राम पंचायत कांटी के सचिव प्रमोद साकेत की हरकतों से गांव की जनता पर, सचिव ग्राम पंचायत से 40 किलोमीटर दूर मुख्यालय में बना रखे हैं कार्यालय महीने में 1दिन भी पंचायत पहुंचना मुश्किल पड़ जाता है।
खबर रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत कांटी से है जहां सरपंच अनिल पटेल का सचिव प्रमोद साकेत पर नहीं चल पा रह कोई जोर जो इन दिनों सचिव प्रमोद साकेत तानाशाही पर जमकर उतारू है। जिसके कारण से ग्राम पंचायत के लोग कई कार्यों को लेकर लगातार परेशान हो रहे हैं ताजा मामला हम आपको बता दें भवन,, निर्माण योजना के तहेत कंप्यूटर में नाम फीडिंग के नाम पर लिए जाते हैं ₹5000 हजार रुपए जिसने भी रुपए देने में आनाकानी की तो फिर सचिव द्वारा उसके रिकॉर्ड में गलत फीडिंग कर दी जाती है और गुमराह कर दिया जाता है। की आप का काम हो गया, जब आवेदक करता कार्य को लेकर अगले, कार्य से संबंधित अधिकारी के पास पहुंचता है तो उसका कार्य असफल दिखाई पड़ता है फिर आवेदक करता सचिव के पास पहुंचता है और सही फीड करने के नाम पर पैसे देने होते हैं तब जाकर सचिव द्वारा उसके रिकॉर्ड में सही फीडिंग की जाती है।, फीडिंग सही तरीके से पहले क्यों नहीं की जाती ताकि परेशान होकर फिर वापस आए और पैसे देकर फीडिंग करवा कर जाए अब सोचने वाली बातें हैं आखिर सरकार तनख्वाह किस बात के लिए दे रही है, इनकी तो कमाई अच्छी खासी जनता से हो जाती है, फिलहाल हम आपको बताते चलें ग्राम पंचायत कांटी के सचिव प्रमोद साकेत मुख्यालय में अपना ऑफिस बना रखे हैं जहां से हर दिन कोई ना कोई बाली का बकरा बनाता रहता है, चाहे वह के किसी भी पंचायत का हो काम तो हो जाएगा। सचिव को तो ग्राम पंचायत कभी जाना नहीं है वही ग्राम पंचायत के लोगों को अगर काम करना है तो कैश पेमेंट है तो ठीक है नहीं है तो गेहूं, चावल ,दाल कुछ भी हो चलेगा क्योंकि गांव में 95 पर्सेंट लोग खेती पर निर्भर रहते हैं।, सचिन इसका फायदा भरपूर उठाते हैं। गौर करने की बात तो यह है। क्या सरकार ने ग्राम पंचायत की जनता को लूटने के लिए इस तरह के सचिवों को रखा हुआ है की ग्राम वासियों से पैसे भी ले जाते हैं काम के एवज पर और काम भी कोई नहीं होता तो ग्राम वासियों को थोड़ी गुस्सा तो लगती है क्योंकि काम भी नहीं हो रहा और पैसा भी जा रहा । सरपंच का कहना है सचिव जी सुनने को तैयार नहीं मैं अब परेशान हो चुका हूं,गांव की जनता की परेशानी मुझे देखी नहीं जाती,। लेकिन सचिव को क्या करना है सरकार उनके लिए₹35000 सैलरी जो देती है, बाकी उनका काम तो वसूली से ही चलता है, सचिव प्रमोद साकेत अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
सचिव प्रमोद साकेत का कहना है की नहीं जाऊंगा पंचायत जो करना हो कर लो, जिसके पास शिकायत करना हो कर दो मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। और तुम भी ज्यादा होशियारी करोगे तो तुम्हारे ऊपर SC,ST का केश लगाऊंगा, जिससे लोगों में डर पैदा हो गई ।इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत के लोगों ने ब्लॉक सीईओ संजय सिंह को पूरे मामले में अवगत कराया। लेकिन सीईओ द्वारा अभी तक घुस खोर सचिव पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है सचिव के सामने CEO भी नतमस्तक नजर आ रहे ग्रामीणों का कहना है अगर उनकी बातों में कोई भी सुनवाई नहीं की जाती तो वह जिला कलेक्टर से मामले की शिकायत करेंगे।
Rewa News: 181 में दर्जनों शिकायत के बावजूद नहीं मिल रहा कोई निराकरण CEO के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां
- Advertisement -
For You
आपका विचार ?
[IT_EPOLL_POLL id="8955"][/IT_EPOLL_POLL]
Latest news
Live Scores
More forecasts: 30 का मौसम राजस्थान