Home जुर्म हाथ-पैर काटकर निकालने पड़े शव:वो बस हादसा जिसमें ट्रेलर के 3 टुकड़े हो गए

हाथ-पैर काटकर निकालने पड़े शव:वो बस हादसा जिसमें ट्रेलर के 3 टुकड़े हो गए

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हाथ-पैर काटकर निकालने पड़े शव:वो बस हादसा जिसमें ट्रेलर के 3 टुकड़े हो गए

दिवाली मनाने घर लौट रहे लोग बस में बेफिक्र सोए हुए थे। इनमें से 15 के लिए ये आखिरी नींद साबित हुई। बस एक ट्रेलर इस कदर घुसी की ट्रेलर के 3 टुकड़े हो गए। यात्रियों को हाथ-पैर काटकर बस से निकालना पड़ा।

रीवा बस हादसे में जान गंवाने वाले 15 लोगों के घर दिवाली नहीं मनेगी। बस में खून के छींटे, बिखरे जूते-चप्पल और कपड़े हादसे की भयावहता बयां कर रहे थे। टक्कर के बाद गिट्‌टी से भरे ट्रेलर के 3 टुकड़े हो गए। हादसे के लिए टेक्निकल फॉल्ट भी बताया जा रहा है। कहने को सड़क पहाड़ काटकर नई बनाई गई है, लेकिन यहां टर्न बहुत हैं। संकेतक भी नहीं हैं। ढलान के कारण भी वाहन संभल नहीं पाते।

शुक्रवार देर रात सोहागी पहाड़ी पर बस ट्रेलर में घुस गई। हादसे में 15 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 35 से ज्यादा यात्री घायल हो गए। बस भी ओवरलोड थी। ये सभी लोग त्योहार पर घर जा रहे थे। हादसे के बाद दैनिक भास्कर ने घटनास्थल पर जाकर ग्राउंड रिपोर्ट की। यहां का जो मंजर देखा, उससे हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हम पहले सोहागी पहाड़ी पहुंचे। एक तरफ जिग-जैग रास्ता। ऊपर से ढलान का मंजर। इस पर अच्छा ड्राइवर भी चकरा जाए। यहां 3 टुकड़ों में बंटा गिट्टी से भरा ट्रेलर खड़ा था। बस का अगला हिस्सा ट्रेलर में पीछे से 8 से 10 ​फीट तक घुसा मिला। हम बस के अंदर दाखिल हुए। अंदर का नजारा और भी भयावह था। बस में 50 से ज्यादा मजदूरों के जूते-चप्पल पड़े थे। ​सीट पर खाने का सामान व बैग पड़ा था। चारों तरफ खून बिखरा था। बस के सभी कांच टूटे हुए थे।

बस काटकर यात्रियों को निकाला गया था। किसी की बॉडी नीचे से काट कर निकाली गई, तो कई लोगों को छत के रास्ते निकाला गया। कई शवों के पैर गायब थे। पुलिस को शव बाहर निकालने के लिए जेसीबी, क्रेन व कटर की मदद से बस को काटना पड़ा। इनमें से कुछ यात्रियों के हाथ-पैर भी काटने पड़े। कुछ यात्रियों का हाथ, तो किसी के सिर के चीथड़े उड़ गए। किसी के शरीर से कपड़े गायब हैं, तो कई सोए हुए लोग दोबारा नहीं उठ पाए।

सोहागी पहाड़ी का रास्ता जिग-जैग की तरह है। मार्ग पर संकेतक भी नहीं लगे है। वहां ढलान भी ज्यादा है। इस कारण वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं। पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं।

सोहागी पहाड़ी का रास्ता जिग-जैग की तरह है। मार्ग पर संकेतक भी नहीं लगे है। वहां ढलान भी ज्यादा है। इस कारण वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं। पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं।

स्लीपर सीट वाले जिंदा, आगे बैठने वाले नहीं बचे
बस को देखने पर पता चला कि स्लीपर सीट के ऊपर बैठे और पीछे बैठने वाले यात्री घायल हुए हैं, जबकि आगे के हिस्से में बैठने वाले सभी लोग मारे गए। हादसा इतना भयावह था कि 15 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। सभी केबिन में फंसकर गिट्टी में धंस गए थे। कई नीचे बैठे यात्री भी चपेट में आ गए। कुछ की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।

RTO के दलाल ने हादसे से पहले लिए 13 हजार
RTI कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने आरोप लगाया कि हादसे से पहले RTO ने दलाल के माध्यम से रास्ते में बस की चेकिंग की। ओवरलोड मिलने पर 13 हजार रुपए भी वसूले। इसके बाद बस को चलता कर दिया। पता चला है कि बस में 20 से 25 यात्री परमिट से ज्यादा सवार थे।

बस हैदराबाद से गोरखपुर जा रही थी। बस सोहागी पहाड़ी पर नीचे उतरते वक्त ट्रेलर से जा टकराई। यहां मौजूद लोगों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी।

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तीन साल पहले पहाड़ काटकर बनाई थी सड़क
यहां 3 साल पहले पहाड़ काटकर सड़क बनाई गई है। मनगवां से चाकघाट के बीच 52 किलोमीटर की दूरी की सड़क 416 करोड़ की लागत से बनाई गई। यहां पहाड़ी पर न तो संकेतक हैं और न सुरक्षा की दृष्टि से कोई इंतजाम। बताया जाता है कि पिछले 5 साल में यहां 100 से ज्यादा लोगों की जान हादसों में जा चुकी है।

कांग्रेस नेता रमाशंकर पटेल का दावा है कि नेशनल हाईवे 30 बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायत की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जबकि टोल वसूली जारी है। एमपीआरडीसी को भी पत्र लिखा था।

बस में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं। सभी दीपावली मनाने हैदराबाद से अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान हादसा हो गया।

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प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी…

प्रत्यक्षदर्शी शिवा शुक्ला ने बताया, मैं रात में सागर जिले से अपनी कार से लौट रहा था। हादसे वाली जगह ही मैंने कार खड़ी की। कार के ठीक बगल से बस निकली। थोड़ी ही दूर आगे जाने के बाद जोरदार धमाका सुनाई दिया। बहुत तेज आवाज आई। देखते ही देखते बस के अंदर से चीख-पुकार सुनाई देने लगी। मैंने तुरंत अपने एक परिचित को कॉल किया। उन्होंने ही पुलिस को हादसे की सूचना दी।

करीब एक घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों की मदद से बस में फंसे लोगों को निकाला जाने लगा था। पुलिस के पहुंचने के बाद खून से लथपथ लोगों को एक-एक कर बाहर निकाला गया। बस में ड्राइवर की केबिन में बैठे लोगों में कोई हरकत नहीं हो रही थी। चारों तरफ अंधेरा था।

बस के आगे के हिस्से को ज्यादा नुकसान हुआ, जिससे सामने की सीटों पर बैठे लोगों की मौत हुई। पीछे बैठे घायलों को स्थानीय लोगों ने अस्पताल तक पहुंचाया।

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15 में से 14 मृतकों की पहचान हुई

मृतकों के नाम

1- राजू अंसारी पिता मुहम्मद शरीफ निवासी उतरौला बाजार, जिला बलरामपुर (यूपी)

2- कलीम उर्फ कल्लू बस ड्राइवर पिता यसीन निवासी गांधी नगर उतरौला, जिला बलरामपुर (यूपी)

3- करन अली बस कंडक्टर पिता मिलाप अली निवासी जोकईया देहात, जिला बलरामपुर (यूपी)

4- सुनील कुमार पिता सतीश निवासी शिकारगढ़ महारागंज फोलई

5- शमसुददीन पिता बेचु निवासी मरदानडीह उतरैला, जिला बलरामपुर (यूपी)

6- अजय कुमार पिता अमेरिका मौर्या निवासी, जिला बलरामपुर (यूपी)

7- पंचम पिता मनोरथ निवासी सिद्धार्थनगर यूपी

8- जावेद पिता लालमुहम्मद निवासी कंदभरी कोतवाली, जिला बलरामपुर (यूपी)

9- राम करन मौर्या पिता जमुना प्रसाद निवासी चमरूपुर उतरैला, जिला बलरामपुर (यूपी)

10- रंजीत यादव पिता रामप्रीत यादव निवासी भरौली वाबू वाल्टरगंज बस्ती यूपी

11- अर्जुन वर्मा पिता राम सुरेश वर्मा निवासी बेनी का पुरवा उतरैला, जिला बलरामपुर (यूपी) 1

2- जुल्फिकार ​पिता मो. नईम निवासी कटइया महेरा कोतवाली, जिला बलरामपुर (यूपी)

13- दीनानाथ मौर्य पिता गूंजी निवासी रहेरा, जिला बलरामपुर (यूपी)

14- इंद्रजीति उर्फ संदीप पिता रामदौड़ हरिजन निवासी रौनाकला जिला बस्ती

15- अज्ञात।

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