इंदौर के 9 वर्षीय अवनीश तिवारी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। अवनीश डाउन सिंड्रोम से पीड़ित होने के बाद भी अपनी पीड़ा को भूलकर छोटी सी उम्र में बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
सोमवार शाम 22 जनवरी को विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अवनीश तिवारी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया। इस वर्ष 19 बच्चों को ये पुरस्कार दिया गया है। अवनीश तिवारी मप्र इंदौर से एकमात्र नाम है जिसका चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ। वे सबसे कम उम्र के अवार्डी हैं।
बायोलॉजिकल पेरेंट्स ने अनाथालय में छोड़
दिल में जन्म से छेद और घुटने भी ठीक नहीं
एवरेस्ट पर 600 मीटर की ट्रैकिंग की
इंदौर चिड़ियाघर के टाइगर को लिया गोद
चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट को कर चुके एक्सपोज
2023 में मिला चाइल्ड आइकॉन अवार्ड
मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग बाल पुरस्कार
डाउन सिंड्रोम एक्सीलेंस अवार्ड से भी सम्मानित
30 से ज्यादा एक्सीलेंस अवार्ड के मालिक
एक हजार से ज्यादा सेमिनार, वेबिनार को संबोधन
अवनीश जब सिर्फ 1 साल के थे, तब उन्हें बायोलॉजिकल माता-पिता ने जेनेटिक क्रोमोसोम डिसऑर्डर से पीड़ित होने के कारण अनाथाश्रम में छोड़ दिया था। उसी दौरान शहर के आदित्य तिवारी ने उन्हें गोद लेना चाहा, लेकिन नियम आड़े आ गए। वे अविवाहित थे और उम्र भी कम थी। अवनीश को पाने के लिए आदित्य ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उनके लंबे संघर्ष के बाद ही कारा ने सिंगल लोगों के लिए नियमों में बदलाव किया था।