रीवा जिले में नशा तस्करी करने वालों के खिलाफ घर गिराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां मंगलवार को जनेह पुलिस व राजस्व विभाग की मौजूदगी में दो तस्करों के मकान की नापजोख कराई गई। जांच के दौरान दोनों के घर अवैध मिले। साथ ही सरकारी जमीन में कब्जा मिला। ऐसे में बुलडोजर की मदद से घर को ढहा दिया गया है। वहीं सरकारी जमीन को आरोपियों के कब्जे से मुक्त कराया है।
दावा है कि दोनों गांजा तस्कर उड़ीसा से लेकर मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नेटवर्क फैला रखे थे। उक्त कार्रवाई के समय त्योंथर एसडीम पीके पाण्डेय और एसडीओपी समरजीत सिंह, जनेह थाना प्रभारी अनुराग अवस्थी, गढ़ी चौकी प्रभारी राहुल सोनकर सहित अन्य थानों का बल मौजूद रहा।
एक के खिलाफ 3 तो दूसरे के खिलाफ 1 प्रकरण दर्ज
त्योंथर एसडीओपी समरजीत सिंह ने बताया कि अनिल सिंह पुत्र महेन्द्र 28 वर्ष निवासी चौखड़ा गांव कई सालों से गांजा की तस्करी कर रहा था। उसके खिलाफ जनेह थाने में दो, गोविंदगढ़ थाने में एक और छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक अपराध दर्ज है। वहीं दूसरे आरोपी शिवम सिंह पुत्र सुरेन्द्र 20 वर्ष के खिलाफ हाल ही में एक प्रकरण जनेह थाना में दर्ज हुआ है।
सरकारी जमीनों पर करते थे कब्जा
दोनों कुछ वर्षों से उड़ीसा से गांजा खरीदकर छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्यप्रदेश लाते। यहां लोकल सप्लाई करने के बाद उत्तर प्रदेश के बॉर्डर प्रयागराज, चित्रकूट और मिर्चापुर जिलों पर गांजा की खेप मंगाकर बेच देते। इसके बाद धन और बल के कारण गांव की सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करते हुए अतिक्रमण करते थे। पहले कच्चा निर्माण करते फिर पक्का घर बना लेते थे।
लाव लश्कर से पहुंचा प्रशासन, दो घंटे गरजा बुलडोजर
सूत्रों की मानें तो आला अधिकारियों को दोनों तस्कर कुछ माह से सिरदर्द बने हुए थे। हर बार पुलिस कार्रवाई करने की कोशिश करती, लेकिन तस्कर चार कदम आगे बढ़ जाते। ऐसे में पुलिस को किरकिरी का सामना करना पड़ता। फिर जनेह पुलिस ने सरकारी जमीन के रिकॉर्ड खंगालकर एसपी की मदद से कलेक्टर को दिए। ऐसे में कलेक्टर के निर्देश पर दो घंटे में अवैध अतिक्रमण नेस्तानाबूत कर दिया है।