रीवा से बैठकर चलाई जा रही आंगनबाड़ी केंद्र, केंद्र में नही मिला कोई बच्चा,न ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, न ही सहायिका। रीवा में बैठकर कई वर्षों से आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती निर्मला द्विवेदी उठा रही है वेतन।
जवा/ हम बात करने जा रहे है एकीकृत महिला बालविकास परियोजना विभाग जवा अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र बरेतीकला क्रमांक-1 की, जहा पर जाकर देखने पर सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्र मिला, दरबाजा लगा हुआ था सामने जानवरो को बांधने का झोपड़ी बनी हुई थी लेकिन केंद्र में न ही कही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिखाई दी, न ही सहायिका और न ही कोई बच्चे नजर आए। जब पड़ोसियों से पूछा गया तो उनका कहना है कि जब से आंगनबाड़ी केंद्र बना है तब से आज तक आंगनबाड़ी केंद्र में न कोई कार्यकर्ता आयी और नही कोई बच्चे पढ़ने आये जबकि इस बस्ती में सैकड़ों बच्चे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस केंद्र में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निर्मला द्विवेदी कई वर्षों से रीवा में रहकर केंद्र चला रही है और बिना ड्यूटी किये ही वेतन ले रही है। लेकिन विभाग को जानकारी होने के बावजूद भी कभी कार्यवाही नही की गयी। जिसके लिए ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर रीवा का ध्यान आकृष्ट कराकर मामले को संज्ञान में लेकर जांच कराने एवं कार्यवाही की मांग की है। आपको बता दे कि शासन का आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का उद्देश्य ही था कि गांव के गरीब बच्चो की प्रारंभिक शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्र से हो,जो दूर स्कूल नही जा सकते है इतना ही नही आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चो के लिए स्वास्थ्य संबंधी सामग्री, खेलकूद, पौष्टिक आहार भी दिया जाता है ताकि बच्चे स्वस्थ्य रहकर प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करे। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि जब आंगनबाड़ी केंद्र ही नही खुलती तो बच्चो के शिक्षा और स्वास्थ्य की क्या बात की जाय।
: अनुपम अनूप
Rewa News: कागजो में संचालित आंगनबाडी केन्द्र बरेतीकला क्रमांक -1 बनी शो पीस,बच्चो के बजाय केंद्र के सामने जानवरो का ठिकाना
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