खरीदी केन्द्रों पर,धान खरीदी के लिए सरकार द्वारा बनाए गए गाइडलाइन को समिति प्रबंधक दिखा रहे ठेंगा, जिम्मेदार भी हुए नतमस्तक। वजन 41 से 42 किलो के बीच अव्यवस्था के अभाव में,,इस कड़कड़ाती ठंड में किसान नंबर के इंतजार में एक सप्ताह तक, धान बेचने के लिए,,खरीदी केन्द्रों पर रात गुजारने को मजबूर, नाम नहीं बताने की शर्त पर कर्मचारी ने बताया कि , चौबीसों घंटे व्यापारियों के सेवा के लिए खरीदी केन्द्रों के खुले रहते हैं दरवाजे, शिकायत करने पर अधिकारी जांच के नाम पर आते हैं और पैसे लेकर चले जाते हैं, तो कैसे सुधरेगी व्यवस्था? उत्तर प्रदेश से सटे सीमा पर बने तीनों खरीदी केन्द्रों पर, यूपी से लाई गई धान, और क्षेत्र से खरीदी धान ,व्यापारियों ने अब तक लगभग लाखों क्विंटल खपत कर चुके हैं। आगे भी लाखों क्विंटल धान खपत करने के लिए तेजी से काम चल रहा है, किसानों ने बताया कि हमें वरदाना की कमी बताया जाता है जबकि व्यापारियों की आ रही धान को खरीदी केंद्र के अन्दर खुलेआम तौलाई की जाती है विरोध करने पर हांथ पकड़ कर बाहर कर दिया जाता है मजबूर होकर हम अपने घर वापस जा रहे हैं, इसी कारण और किसान भय से नहीं बोल पा रहे हैं , अधिकारी भी समिति प्रबंधक का सपोर्ट करते हैं।
जानकारी तो यहां तक मिली है कि, फूड इंस्पेक्टर ने व्यापारियों से सांठगांठ कर यूपी से धान लाकर डंप करने में खुला संरक्षण दिया है। बांकी का काम सांठगांठ कर स्थानीय अधिकारी और समिति प्रबंधक कर रहे हैं। यूपी से व्यापारियों द्वारा लाई गई धान बेचने के लिए खुलेआम संरक्षण, त्योंथर एसडीएम, तहसीलदार, फूड इंस्पेक्टर, समिति प्रबंधक और व्यापारी आपस में सांठगांठ कर खेल रहे लंबा खेल,, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा,,धान खरीदी के लिए बनाई गई गाइडलाइन को दिखा रहे खुलेआम ठेंगाठेंगा।
: अनुपम अनूप
Rewa News: सोहर्वा नौबस्ता बरहा खरीदी केन्द्रों पर किसानों के साथ धान खरीदी केन्द्रों पर धोखा मालामाल हो रहे अधिकारी,व्यापारी, और समिति प्रबंधक।
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