जवा अंचल के अधिकांश धान खरीदी केन्द्रो मे धांधली कंगाल हो रहा अन्नदाता, मालामाल हो रहे केंद्र प्रभारी
सरकार नें किसानो की सुविधा के लिए धान खरीदी केन्द्र बनाये है जहाँ इन दिनों धान की खरीदी चल रही है लेकिन किसानो की सुविधा के लिए बनाये गए धान खरीदी केन्द्रो मे अन्नदाता वहाँ के कर्मचारियों के मनमानी का शिकार हो रहा है।ट्रेक्टर ट्रालियो से अनलोडिंग, बोरियो की तौलाई के नाम पर प्रति बोरी 10 से 15 रूपये की राशि किसानो से ऐंठी जा रही है। वही दूसरी तरफ शाशन द्वारा निर्धारित वजन को दरकिनार कर खरीदी केंद्र प्रभारी 41 किलो 200 ग्राम अपने नियम बना किसानो को लूट रहे है।किसानो द्वारा आपत्ति जताने पर धान न खरीदने तथा रिजेक्ट कर देने की धमकी भी दी जाती है।कई खरीदी केन्द्रो मे किसानो की जेब काटने तौल मशीनों का खेल भी खेला जा रहा है जिससे अमूमन किसान अंजान होता है।वजन कांटे मे गड़बड़ी का भी आरोप किसानो द्वारा लगाया गया लेकिन प्रशाशन धृतराष्ट्र बनकर खरीदी केंद्र प्रभारियों को मनमानी एवं लूट करने का अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण प्रदान किये हुए है। यदि कही मामला तूल भी पकड़ता है तो प्रशाशनिक नुमाइंदे केंद्र प्रभारियों को सूचित कर केन्द्रो मे पहुंचते है तथा अपना सगुन लेकर वापस चले जाते है।यूँ तो ऐसी धांधली तकरीबन हर खरीदी केन्द्रो मे देखने को मिलेगी लेकिन मजाल है कि प्रशाशन अन्नदाताओ को लुटने से बचा सके।
वारदाने की समस्या से जूझता किसान
एक ओर सरकार किसानो का धान खरीदने के लिए हर संभव प्रयास कर रही तो वही दूसरी ओर अफसर व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किसानो को धान खरीदी केन्द्रो मे वारदाना (बोरियां) नही मिल रही है जिससे किसानो को इस कड़कड़ाती ठंड मे अपनी धान की सुरक्षा के लिए खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही है।किसानो का कहना है की प्रशाशन भी खरीदी केन्द्रो का निर्धारण कर शांत बैठ गया है और मानिटरिंग मे कोताही बरत रहा है नतीजतन खरीदी केन्द्रो मे भर्रेशाही का आलम व्याप्त है और किसान बेबस व परेशान है।
: अनुपम अनूप