मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आगामी आदेश तक जिला अध्यक्ष और प्रभारी काम करते रहेंगे। अब नए सिरे से नियुक्तियां होगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- वर्तमान दौर संघर्ष और चुनौती भरा है, लेकिन असंभव कुछ नहीं है। हम समर्पण भाव से ‘मैं नहीं हम’ को सर्वोपरि मानकर एकजुटता के साथ काम करेंगे। हाल ही में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया था। जबकि रणदीप सुरजेवाला की जगह भंवर जितेंद्र सिंह को मध्यप्रदेश का प्रभारी बनाया गया। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद जितेंद्र सिंह मंगलवार को भोपाल पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक ली।
एमपी कांग्रेस में 105 प्रदेश महासचिव हैं। 50 प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। उपाध्यक्षों में अजय चौरडिया, अभय दुबे, राजीव सिंह, जेपी धनोपिया, अर्चना जायसवाल, चंद्रप्रभाष शेखर, दीपक सक्सेना, गोविन्द गोयल जैसे नाम शामिल हैं। प्रदेश महासचिव, प्रदेश सचिव, सह सचिव समेत तमाम पदाधिकारियों समेत प्रदेश कार्यकारिणी भंग की गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर प्रदेश स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां की गई थी। चुनाव के दौरान जो नियुक्तियां हुई उनकी फाइनल संख्या और डिटेल PCC के पास उपलब्ध नहीं हैं। पीसीसी के पदाधिकारियों का कहना है कि जब प्रदेश अध्यक्ष बदलते हैं तो स्वाभाविक तौर पर प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग कर नए सिरे से गठित की जाती है।
बैठक से पहले जितेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में गोपाल भार्गव को शामिल नहीं किए जाने पर कहा, ‘यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे दुख होता है। बहुत सारे सीनियर लोग हैं, चाहे विजयवर्गीय हों, पटेल हों, तोमर हों और खासतौर पर शिवराज सिंह चौहान… जिनको आगे रखकर चुनाव लड़ा गया, उनको एक तरह से साइड में कर दिया गया। PCC चीफ जीतू पटवारी ने कैबिनेट विस्तार पर कहा, ‘हमें आशा है कि किसानों को गेहूं का दाम 2700 रुपए प्रति क्विंटल और धान का दाम 3100 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाएगा। बहनों को 3000 रुपए का शिवराज सिंह चौहान ने जो चिल्ला-चिल्ला कर लाड़-प्यार का रोना गाना गाया था, सारे निर्णय यह कैबिनेट लेगी।