हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकता है। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी और पुलिस पेपर लीक मामला शामिल है। – सिम्बॉलिक फोटो
चुनाव आयोग ने शुक्रवार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इसमें चुनाव आयोग हिमाचल विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया जा सकता है। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि आज हिमाचल के लिए ही ऐलान होगा। गुजरात की तारीखों का ऐलान 20 अक्टूबर के बाद किया जाएगा।
8 जनवरी को खत्म हो रहा हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। इनमें 20 सीटें आरक्षित हैं। 17 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए रिजर्व हैं। 2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव में भाजपा 44 तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट पर CPIM और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।
4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबैंसी का भी असर
हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकता है। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी और पुलिस पेपर लीक मामला शामिल है। इसके अलावा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी का भी असर हो सकता है। पिछले साल 3 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को सभी सीटों पर हार मिली थी।
मोदी ने मोर्चा संभाला, प्रियंका की भी रैली
हिमाचल में सरकार रिपीट के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। हिमाचल में पहली बार कोई प्रधानमंत्री चुनाव की घोषणा से पहले ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी के रैली करने पर सस्पेंस है। कांग्रेस ने इसलिए प्रियंका को हिमाचल में रैली की जिम्मेदारी दी है।
अब बात गुजरात की…
18 फरवरी को खत्म हो रहा गुजरात विधानसभा का कार्यकाल
गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए रिजर्व हैं। 2017 चुनाव की बात करें तो भाजपा ने यहां पूर्ण बहुमत से जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। चुनाव में भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी। दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी, एक सीट एनसीपी को मिली थी। वहीं 3 सीट पर निर्दलीय को जीत मिली थी।
गुजरात में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती: गुजरात में 25 साल से ज्यादा समय से भाजपा सत्ता में है। साथ ही पार्टी के दो बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह गुजरात से हैं। ऐसे में पार्टी यहां सरकार रिपीट करने की तैयारी में है। हालांकि, पार्टी के लिए सरकार रिपीट करना इस बार आसान नहीं है। रोजगार और किसानों का मुद्दे पर पार्टी बैकफुट पर है। वहीं सत्ता में इतने सालों से रहने की वजह से पार्टी के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी भी है।
CM पद के दावेदार कौन-कौन?
भाजपा से वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे बड़े दावेदार हैं। अगर 2017 की तरह कोई बड़ा उलटफेर होता है तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी CM का चेहरा बन सकते हैं। कांग्रेस की ओर से मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी दावेदारों की सूची में शामिल है।
2017 में जो चेहरा थे, अब नहीं
सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने तत्कालीन CM वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 2021 में वीरभद्र सिंह का निधन हो गया। इस बार कांग्रेस में दावेदार कई हैं, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं। बात भाजपा की करें तो पार्टी 2017 का चुनाव पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल के नाम पर चुनावी मैदान में उतरी।
भाजपा हाईकमान ने धूमल को हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से टिकट दिया और वहां से धूमल चुनाव हार गए थे। इसके बाद भाजपा हाईकमान ने जयराम ठाकुर को CM बनाया।