गोविंदगढ़/ सरकार व जिले के जिम्मेदार अधिकारी भले ही धान खरीदी केंद्रों की व्यवस्था को चाक चौबंद व बेहतर बनाने की बात करते हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है जहा पर कई खरीदी केंद्रों में लोकल स्तर पर तैनात समिति प्रबंधकों, खरीदी प्रभारी, ऑपरेटरों एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी व तानाशाही बदस्तूर जारी है जिसमे ज्यादातर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोगी एवं उनके दलाल पूरी तरह सक्रिय रहते है। जो बड़े बड़े अधिकारियों व शासन प्रशासन के नियम कानून को भी दरकिनार कर जम कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिस बजह से & nbsp; किसानों को दर-दर भटकना पडता है और लूट का शिकार होते रहते है लेकिन इनकी आबाज को कोई देखने सुनने वाला नही है।
इसी तरह का मामला गोविंदगढ़ में संचालित माँ गौरी वेयर हाउस धान खरीदी केन्द्र से सामने आया है जंहा पर किसान परेशान है और खरीदी केन्द्र में तैनात अधिकारी, कर्मचारी मौके पर उपस्थित नहीं रहते बल्कि बाहरी लोगों या यू कहें कि समिति प्रबंधक के सह पर किसान बने व्यापारियों के द्वारा भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघी जा रही हैं जिस बजह से किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में किसानो का कहना है कि नियम के अनुसार किसानों की धान खरीदने का काम उसी दिन होना चाहिए, लेकिन किसानो को कई दिनों तक खरीदी केंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं साथ ही तौलाई में निर्धारित बजन से अधिक मात्रा मे किसानों से धान ली जाती है तथा तौलाई का पैसा 18 रुपये प्रति कुंटल के हिसाब से किसानों को देना पड़ता है खरीदी केंद्र में किसानों के लिए कोई व्यवस्था नही है। वही समिति प्रवन्धक देवेंद्र पांडेय से समस्यायों को लेकर बाते की गई तो उन्होंने अपनी लाचारी व्यक्त की।