लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 8 वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है। यह फेरबदल लखनऊ, कानपुर और आगरा कमिश्नरेट सहित विभिन्न जिलों में किया गया है। शगुन गुप्ता को एपीटीसी सीतापुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि अन्य अधिकारियों को भी नई तैनाती दी गई है। इस प्रशासनिक बदलाव का उद्देश्य कानून व्यवस्था को मजबूत करना और पुलिस विभाग की कार्यक्षमता को और अधिक प्रभावी बनाना है।
डॉ. के एजिलरसन बने लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक
आईपीएस अधिकारी डॉ. के एजिलरसन (RR-2004), जो अब तक वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में संयुक्त पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यरत थे, उन्हें अब लखनऊ में पुलिस महानिरीक्षक (IG) के पद पर नियुक्त किया गया है। उनके अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, मनोज कुमार सोनकर (IPS-SPS-2010) को पुलिस महानिरीक्षक, एटीएस, लखनऊ से स्थानांतरित कर पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) पीएसी अनुभाग, वाराणसी में तैनात किया गया है।
शगुन गुप्ता को मिला सीतापुर एपीटीसी का प्रभार
आईपीएस अधिकारी शगुन गुप्ता (RR-2010), जो अब तक लखनऊ में सतर्कता अधिष्ठान में पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर कार्यरत थे, उन्हें अब सीतापुर एपीटीसी (आर्म्ड पुलिस ट्रेनिंग सेंटर) के पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में प्रशिक्षण केंद्र को और अधिक प्रभावी बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके अलावा, राजेश कुमार सिंह (RR-2011) को कानपुर नगर के पुलिस उपमहानिरीक्षक/पुलिस उपायुक्त से स्थानांतरित कर संयुक्त पुलिस आयुक्त, वाराणसी बनाया गया है। वहीं, देवरंजन वर्मा (RR-2011), जो पुलिस महानिदेशक मुख्यालय, लखनऊ में प्रतीक्षारत थे, उन्हें पुलिस उपमहानिरीक्षक, नियम एवं ग्रंथ लखनऊ नियुक्त किया गया है।
कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भी हुई तैनाती
इसके अलावा, आशीष श्रीवास्तव को पुलिस आयुक्त, कानपुर नगर से स्थानांतरित कर पुलिस उपायुक्त, लखनऊ बना दिया गया है। अपर्णा गुप्ता (RR-2015) को लखनऊ पुलिस आयुक्तालय से पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय, लखनऊ नियुक्त किया गया है। वहीं, सूरज कुमार राय (RR-2018), जो अब तक आगरा कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त थे, उन्हें मेरठ में 06वीं वाहिनी पीएस के सेनानायक के रूप में स्थानांतरित किया गया है।
प्रशासनिक फेरबदल से कानून व्यवस्था में आएगा सुधार
राज्य सरकार द्वारा किए गए इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करना और पुलिस प्रशासन की दक्षता को बढ़ाना है। नए तैनात अधिकारियों को जल्द से जल्द अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले से प्रदेश में पुलिस व्यवस्था को और अधिक संगठित व प्रभावी बनाए जाने की उम्मीद की जा रही है।






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