हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक किडनी, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर रक्त को साफ करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन कई बार, जब किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो इसके लक्षण तुरंत स्पष्ट नहीं होते। जब तक समस्या गंभीर नहीं हो जाती, तब तक लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में, अगर आपको कुछ विशेष संकेत दिखने लगें, तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।
किडनी से जुड़ी समस्याओं के 5 प्रमुख संकेत
- उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
अगर आपका ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा हुआ रहता है, तो यह किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है। किडनी हमारे शरीर में नमक और पानी के स्तर को नियंत्रित करती हैं। अगर वे इस प्रक्रिया में असफल होती हैं, तो रक्त में नमक की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होती है। साथ ही, खराब किडनी कुछ ऐसे हार्मोनों का उत्पादन भी कर सकती है, जो ब्लड प्रेशर को और अधिक बढ़ा सकते हैं। - शरीर में सूजन (एडिमा)
अगर आपके पैरों, टखनों, चेहरे या आंखों के आसपास सूजन बनी रहती है, तो यह किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट का संकेत हो सकता है। जब किडनी अतिरिक्त तरल पदार्थ और सोडियम को शरीर से बाहर निकालने में असमर्थ होती है, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है, जिससे सूजन आने लगती है। यह समस्या सुबह उठते ही चेहरे पर ज्यादा देखी जा सकती है। - मूत्र में बदलाव (रक्त और प्रोटीन की उपस्थिति)
अगर आपके मूत्र का रंग गहरा हो रहा है या उसमें झाग आ रहा है, तो इसे हल्के में न लें। स्वस्थ किडनी रक्त कोशिकाओं और प्रोटीन को मूत्र में जाने से रोकती हैं। लेकिन अगर आपके मूत्र में लाल रंगत या झागदार बुलबुले दिखें, तो यह किडनी में संक्रमण, पथरी या किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। - त्वचा का शुष्क और खुजलीदार होना
अगर आपकी त्वचा ज्यादा रूखी और खुजलीदार महसूस हो रही है, तो यह किडनी की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। किडनी शरीर में खनिजों और पोषक तत्वों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं। जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। - मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी
किडनी की समस्याओं की वजह से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। विशेष रूप से, कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी पैदा कर सकती है। अगर आपके शरीर में बार-बार झटके या अकड़न महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें।
समाधान: नियमित जांच और सतर्कता है जरूरी
अगर आपको सुस्ती, भूख न लगना, थकान, वजन कम होना, बार-बार पेशाब आना, नींद न आना जैसी समस्याएं लगातार महसूस हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किडनी की बीमारियां अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के गंभीर हो जाती हैं। इसलिए, सालाना मेडिकल चेकअप में ब्लड प्रेशर की जांच, मूत्र परीक्षण और क्रिएटिनिन व इलेक्ट्रोलाइट्स की जांच जरूर कराएं। सही समय पर सतर्क रहना ही किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है।