क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ एक क्लिक से लाखों घरों में उम्मीद की रौशनी भर सकती है?
एक ऐसा दिन… जब मोबाइल पर मैसेज की टन-टन सुनते ही महिलाओं की आंखें खुशी से छलक उठें।
16 अप्रैल, 2025—मध्य प्रदेश की वो तारीख, जो लाखों बहनों के लिए सिर्फ तारीख नहीं, एक नई शुरुआत है।
सीएम मोहन यादव आज ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं, जो न सिर्फ जेबें भर देगा, बल्कि आत्मविश्वास भी।
लेकिन क्या ये महज़ चुनावी गणित है या सचमुच बहनों की उन्नति का रथ? आइए, जानते हैं पूरी कहानी।
आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंडला जिले के टिकरवारा गांव से एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहे हैं।
वे ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ की 23वीं किस्त के रूप में 1 करोड़ 27 लाख महिलाओं के खातों में ₹1552 करोड़ 38 लाख रुपये ट्रांसफर करेंगे।
हर लाड़ली बहना को ₹1250 की मासिक राशि सीधे बैंक खाते में दी जाती है, जिससे वो अपने छोटे-बड़े खर्च खुद तय कर सकें।
यह महज़ एक आर्थिक सहायता नहीं, यह महिला सशक्तिकरण की वो कड़ी है जो ग्रामीण और शहरी सीमाओं को मिटा रही है।
सीएम यादव इसे केवल ट्रांजैक्शन नहीं, ट्रांसफॉर्मेशन मानते हैं।
लेकिन खुशियों की ये बारिश सिर्फ लाड़ली बहनों तक सीमित नहीं।
सीएम आज 56 लाख 68 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों को ₹340 करोड़ की राशि भी ट्रांसफर करेंगे।
बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगजन जिन्हें महीने भर दवा, दूध, रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता है – उनके लिए भी राहत की खबर है।
इतना ही नहीं, 25 लाख से अधिक महिलाओं को ₹57 करोड़ की रसोई गैस सिलेंडर रिफिलिंग की रकम भी भेजी जाएगी।
यह सब कुछ एक क्लिक में – तकनीक और शासन का सही संतुलन।
टिकरवारा में होने वाला कार्यक्रम केवल योजनाओं की घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगा।
सीएम यादव कई विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे।
साथ ही वे सामूहिक विवाह-निकाह कार्यक्रम में भी शामिल होंगे – यह संदेश देता है कि सरकार सामाजिक समरसता को भी उतना ही महत्व देती है जितना योजनाओं को।
यह मॉडल शासन का उदाहरण है, जहां ‘वेलफेयर’ और ‘विकास’ दोनों एक ही मंच पर मिलते हैं।






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