वर्षो से मध्यान्ह भोजन पर मीनू के आधार पर नही दिया जाता बच्चो को भोजन। मध्यान्ह भोजन में सिर्फ चावल, दाल,सब्जी और कभी का भार दिया जाता है कढ़ी।
जवा/ मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा गरीब बच्चों के लिए प्रत्येक विद्यालय में मीनू के आधार पर पोष्टिक मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था की गयी है ताकि बच्चे खाकर स्वास्थ्य रहे और अच्छी पढ़ाई कर सके। लेकिन शासन की ये योजना भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गया है। आज जहा भी जिस विद्यालय का निरीक्षण किया जाय तो देखने मे मिलता है कि कभी भी मीनू के आधार पर बच्चो को भोजन नही दिया जाता है । आपको बता दे कि जब से शासन द्वारा स्वसहायता समूहों के हाथों में कमान सौंपी है तब से ये समस्या देखने को मिल रही है। इसी तरह का मामला रीवा जिले के जवा जनपद शिक्षा केन्द्र अंतर्गत शासकीय मा.विद्यालय लूक से सामने आया है जहा पर लक्ष्मी स्वसहायता समूह के संचालक मीना तिवारी पति राजाराम तिवारी के मनमानी रवैये के चलते कभी भी मीनू के आधार पर मध्यान्ह भोजन नही बनाया जाता है वहा पर सिर्फ चावल, पानी जैसा दाल और सब्जी कभी का भार बच्चो को कढ़ी दिया जाता है इतना ही नही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहा पर 182 बच्चों के नाम पर खाद्य सामग्री का उल्लेख किया जाता है लेकिन निरीक्षण के दौरान सर्फ 31 बच्चे ही मिले, जिसमे विद्यालय के प्रधानाध्यापक की भी सहमति दिख रही है वार्ना इसकी शिकायत सम्बंधित अधिकारियों से की जाती।जिसकी शिकायत पूर्व में भी ग्रामीणों द्वारा की गई थी लेकिन आज दिनांक तक सम्बंधित अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नही की गई, जिस बजह से समूह संचालक के हौशले बुलंद है जिसके लिए ग्रामीणों ने समूह को हटाने की मांग की है। उस दौरान देखा गया कई बच्चे अपने अपने थाली भी धुल रहे है जबकि थाली धुलने की जिम्मेदारी भी समूह की होती है। जिसे मामले को देखते हुए समूह संचालक पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।