इंदौर-देवास डबलिंग के ट्रायल रन के दौरान दो छात्राओं की मौत से उनकी सहेली सदमे में है। उसे तेज बुखार है, 24 घंटे से कुछ नहीं खाया है। इधर, जिस ट्रैक पर हादसा हुआ, उसे शुक्रवार को चालू कर दिया गया है।
कैलोद हाला रोड क्षेत्र में 10वीं में पढ़ने वाली बबली, राधिका और साधना रोज की तरह गुरुवार शाम को ट्यूशन से घर लौट रही थीं। रेलवे फाटक से घूमकर जाने के बजाय छात्राओं ने शॉर्टकट से जाना तय किया। एक पटरी क्रॉस की, दूसरी क्रॉस करने के दौरान बबली और राधिका ट्रेन की चपेट में आ गईं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
जहां हादसा हुआ, वहां आसपास 50 से ज्यादा कॉलोनियां हैं। यहां रहने वाले 15 हजार से ज्यादा लोग रोज इसी तरह ट्रैक क्रॉस करते हैं। यहां रेलवे ओवर ब्रिज बनाने के लिए दो साल पहले 41 करोड़ मंजूर हुए थे, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया

शुक्रवार को मृत छात्राओं के कपड़े और बैग का फटा हुआ हिस्सा पड़ा मिला। छात्राओं को अस्पताल ले जाने वाले लोगों की चप्पल भी वहीं पड़ी थी। यहां रेलवे ट्रैक पास बाउंड्रीवॉल नहीं है। ऐसे में रोजाना कई लोग पटरी पार करते हैं। लोगों ने इसे शॉर्टकट रास्ता बना लिया है। हादसे का शिकार हुई छात्राओं का घर भी पटरी से 100 फीट दूर ही था। पटरी से घर पास होने के कारण वे इसी रास्ते से लौट रही थीं।








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