मांस खाने वाले बैक्टीरिया से 3 की मौत:घाव और खाने के जरिए शरीर में घुसे; भारत में इससे कितना खतरा?

0
154

अमेरिका के 2 राज्यों कनेक्टिकट और न्यूयॉर्क में ‘मांस खाने वाले बैक्टीरिया’ से 3 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से दो लोग समुद्र में तैरने के बाद और एक होटल में कच्ची सीप खाने के बाद ‘विब्रियो वल्निफिकस’ नाम की बैक्टीरिया से संक्रमित हो गए थे। यह एक मांस खाने वाला बैक्टीरिया होता है।

इस बैक्टीरिया की चपेट में आने वाले 5 में से एक मरीज की बीमार पड़ने के एक दिन बाद ही मौत हो जाती है। यही वजह है कि 28 जुलाई को कनेक्टिकट के हेल्थ डिपार्टमेंट ने लोगों को समुद्र के खारे पानी में नहीं उतरने की चेतावनी दी। साथ ही कच्ची सीप खाने से भी मना किया है।

भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि मांस खाने वाला बैक्टीरिया क्या है और कैसे यह लोगों को अपना शिकार बनाता है…

सवाल- 1: ये ‘मांस खाने वाला बैक्टीरिया’ क्या है?
जवाब: अमेरिकी ‘रोग नियंत्रण और रोकथाम सेंटर’ के मुताबिक वैज्ञानिक भाषा में मांस खाने वाले बैक्टीरिया को ‘नेक्रोटाइजिंग फासिसाइटिस’ कहते हैं। कई बार विब्रियो वल्निफिकस नाम के बैक्टीरिया की वजह से भी इस तरह के संक्रमण होते हैं। जब ये शरीर में किसी जख्म या कटी-फटी त्वचा के रास्ते घुसते हैं।

इस बैक्टीरिया का खाना इंसान की कोशिकाएं और ऊतक यानी टिश्यू होते हैं। टिश्यू कोशिकाओं से बने होते हैं और एक जैसे टिश्यू से मिलकर अलग-अलग अंग बनते हैं। ये शरीर में घुसने के बाद काफी तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हैं और अंगों को खाने लगते हैं।

सवाल- 2: विब्रियो वल्निफिकस बैक्टीरिया क्या है और ये कितना खतरनाक है?
जवाब: नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक विब्रियो और वल्निफिकस दोनों लैटिन भाषा के शब्द हैं। इनमें से एक विब्रियो का अर्थ ‘हिलना या कंपन करना’ और वल्निफिकस का अर्थ ‘घायल करना’ है।

इस प्रजाति के बैक्टीरिया मुख्य रूप से 3 तरह के होते हैं- विब्रियो कॉलरा, विब्रियो पैराहामोलिटिकसवी और विब्रियो वल्निफिकस। अमेरिका में 3 लोगों की मौत विब्रियो वल्निफिकस से संक्रमित होने के बाद हुई है। ये बैक्टीरिया स्वाभाविक रूप से समुद्र के तटीय क्षेत्र में पाए जाते हैं।

सवाल- 3: विब्रियो वल्निफिकस बैक्टीरिया से सबसे ज्यादा खतरा कब और कहां है?
जवाब: मई से अक्टूबर के बीच जब समुद्री पानी गर्म होता है तो इस तरह के बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। ये बैक्टीरिया तटीय क्षेत्र में आ जाते हैं।

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल के मुताबिक इस दौरान जब इंसान समुद्र में नहाने के लिए उतरते हैं तो घाव या किसी कट के जरिए ये बैक्टीरिया शरीर में घुस जाते हैं।

इसके अलावा सी फूड के जरिए भी ये बैक्टीरिया इंसानों के शरीर में प्रवेश कर संक्रमित करते हैं। इसीलिए अमेरिका के कई राज्यों ने चेतावनी जारी कर लोगों को समुद्री पानी में उतरने से मना किया है। इसके अलावा कच्ची सीप व दूसरे सी फूड को भी खाने से परहेज करने के लिए कहा गया है।

सवाल- 4: ये बैक्टीरिया कितना खतरनाक होता है?
जवाब: यह बैक्टीरिया इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि इससे संक्रमित होने वाले हर 5 में से एक मरीज की मौत हो जाती है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि संक्रमित होने वाले मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कितनी मजबूत है।

अगर कमजोर प्रतिरोधक क्षमता है तो एक से दो दिन में मरीज की मौत हो सकती है। उदाहरण के लिए जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है या जो दवा लेते हैं। उन लोगों के शरीर पर इस बैक्टीरिया का संक्रमण तेजी से होता है।

यह बैक्टीरिया दूसरे मांस खाने वाले बैक्टीरिया की तरह शरीर में घुसते ही सबसे पहले ‘ब्‍लड सेल्स’ या रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है। इससे शरीर में खून का एक जगह से दूसरी जगह जाना बंद हो जाता है। इसकी वजह से शरीर के कई अंगों में खून की कमी होने लगती है।

सवाल- 5: विब्रियो वल्निफिकस बैक्टीरिया से संक्रमित होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
जवाब: अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी CDC के मुताबिक विब्रियो बैक्टीरिया से संक्रमित होने पर दस्त होने लगती है।

इससे संक्रमित मरीजों में ये मुख्य लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे- जी मिचलाना और उल्टी आना, बुखार, ठंड लगना। इस बैक्टीरिया से संक्रमित होने के 24 घंटे बाद ही इस तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। लगातार 3 दिनों तक ऐसे लक्षण दिखते हैं।

सवाल- 6: इस बैक्टीरिया का संक्रमण शरीर में कैसे फैलता है?
जवाब: किसी व्यक्ति के शरीर में मांस खाने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण फैलने को लेकर 2 तर्क हैं…

पहला तर्क: कुछ रिसर्चर का मानना है कि ये बैक्टीरिया पहले से ही शरीर के बाहरी हिस्से जैसे- नाक, गले और त्वचा पर होते हैं। ये तब तक नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, जब तक ये शरीर के अंदर नहीं घुस जाते हैं। कटी-फटी त्वचा के जरिए ये शरीर में घुसते हैं। इसके बाद दिल, फेफड़ों या मांसपेशियों में इन्फेक्शन तेजी से फैलाते हैं।

दूसरा तर्क: डॉक्टर जेफ इसबिस्टर ने इस तरह के बैक्टीरिया पर 2004 में रिसर्च किया था। उनका कहना है कि मकड़ी या किसी कीट के काटने से नहीं बल्कि ये इंफेक्शन घाव, खुजली आदि में होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जरिए फैलता है।

सवाल- 7: इस इन्फेक्शन से कैसे बचा जा सकता है?
जवाब
: ‘मांस खाने वाले बैक्टीरिया’ के इन्फेक्शन को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि गर्म समुद्री पानी में उतरने से बचकर या फिर कच्चे सी फूड नहीं खाकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

अगर आपको पहले से कोई घाव है तो उसकी अच्छे से देखभाल करें। साफ-सफाई अपनाएं और समुद्र में जाने से बचें।

सवाल 8: भारत में ‘विब्रियो वल्निफिकस से संक्रमण का कितना खतरा है?
जवाब: ये संक्रमण मुख्य रूप से सी फूड के जरिए फैलता है। भारत में भी सी फूड खाने का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मुताबिक 2023 में देश में सी फूड का बाजार 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होने का अनुमान है। सालाना 10-15 फीसदी के हिसाब से ये बाजार बढ़ रहा है।

ऐसे में इस संक्रमण के भारत में फैलने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि भारत में ज्यादातर लोग पका कर सी फूड खाते हैं। इस वजह से यहां इस संक्रमण के फैलने की संभावना बेहद कम है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here