मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार में सबसे अमीर मंत्री चैतन्य काश्यप को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने मंत्री की उस घोषणा पर तंज किया, जिसमें उन्होंने वेतन और दूसरी सरकारी सुविधाएं नहीं लेने की घोषणा की थी।
उमा भारती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि हाल में मंत्री बने चैतन्य काश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की हैं। उन्होंने विधायक का वेतन नहीं लेने की बात कही। जो की सालभर का करीब 12 लाख रुपए होता हैं। अब 296 करोड़ संपत्ति वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौन सी बड़ी बात हैं।
उमा भारती ने मंत्री चैतन्य काश्यप को सलाह दी कि सरकार को वेतन वापस करने के बजाय वह राशि जरूरतमंद लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करें। पूर्व सीएम ने बीजेपी सांसद वरुण गांधी का जिक्र करते हुए कहा- एक बार सांसद वरुण गांधी ने कहा था कि सांसदों को तनख्वाह और पेंशन नहीं लेना चाहिए। वरुण ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि वे हजारों करोड़ की पैतृक संपत्ति के मालिक है। अपना सर्वस्व त्याग कर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए।
दूसरे ट्वीट में उमा भारती ने लिखा- जो मुझे आशंका थी वही हुआ। कुछ लोगों ने मेरी बातों का गलत मतलब निकाल लिया। लोकतंत्र में अमीर हो या गरीब, सभी को सांसद या विधायक होने का अधिकार है। मैं कभी कभी किसी संस्था, कोई असहाय महिला या किसी बच्चे की शिक्षा की सुविधा के लिए चेक से ही राशि देती हूं। लेकिन सरकार को कुछ वापस नहीं करती।
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रतलाम के विधायक जो अभी मंत्री बने हैं वह बहुत बड़े व्यवसायी और बहुत बड़े दानी भी है। मुझे उनसे कोई तकलीफ नहीं है। वरुण गांधी और उनके इस विवरण को सुनकर कि वो सांसद या विधायक की सुविधा नहीं लेते तो यह बड़ी बात नहीं है। लेकिन जिन जनप्रतिनिधियों का जीवन यापन और अतिथि सेवा इन्हीं सुविधाओं से होती है। वह स्वयं को छोटा अनुभव करेंगे, जबकि ऐसा नहीं है। सब बराबर है। जनता सबको वोट देती है। उमा भारती के एक के बाद एक दो ट्वीट करने के बाद खुद मंत्री चैतन्य काश्यप उमा भारती से मिलने उनके घर पहुंच गए। उमा भारती ने अपने तीसरे ट्वीट में इसकी तस्वीरें भी शेयर की। उमा भारती ने लिखा- प्रदेश सरकार के मंत्री चैतन्य काश्यप मेरे दूसरे ट्वीट के जवाब में स्वयं उपस्थित हो गए। मैं उन्हें 20 साल से जानती हूं। वह बहुत बड़े व्यवसायी, बहुत बड़े दानी और समाजसेवी हैं। वह अपने व्यवसाय से मिलने वाले लाभ का बहुत बड़ा हिस्सा दान करते हैं। फिर भी मैंने अपना सुझाव दोहराया कि वह अपने वेतन-भत्ते सरकार को वापस करने की जगह पर दान की राशि में शामिल कर लिया करें। उन्होंने इस पर कहा कि वह इस पर विचार करेंगे। मैंने उन्हें सफल मंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद भी दिया। उमा के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया हुई तो उन्होंने दूसरे ट्वीट में सफाई दी। इसके बाद तो खुद मंत्री चैतन्य काश्यप उमा भारती से मिलने पहुंच गए। तीसरे ट्वीट में उमा भारती ने मंत्री चैतन्य काश्यप की तारीफ की और उन्हें तिलक लगाते हुए फोटो भी शेयर की।
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