चौबे के लंबे समय से भाजपा में जाने की अटकलें चल रही हैं। पीसीसी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबी नेता माने जाते रहे हैं चौबे। इस्तीफे में खुरई विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खराब बर्ताव व उपेक्षा का लगाया आरोप।
(नवदुनिया प्रतिनिधि)। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी खुरई के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। चौबे प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, टीकमगढ़ के जिला प्रभारी व प्रदेश कांग्रेस के सदस्य थे। कमल नाथ को भेजे इस्तीफा में चौबे ने उल्लेख किया है कि मैं 30 साल से निरंतर कांग्रेस पार्टी के सेवा कर रहा हूं, परंतु हाल ही में हमारे खुरई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जो बर्ताव हुआ है, उससे मैं व खुरई विधानसभा क्षेत्र के सभी कार्यकर्ता दुखी हैं। अत: मैं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रभारी जिला टीकमगढ़ व प्रदेश कांग्रेस सदस्य के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
लंबे समय से भाजपा में जाने की चर्चा
खुरई के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे के लंबे समय से भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं चलती रही हैं। राजनीतिक गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वे इसी साल 20 मई को नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के जन्मदिन पर भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वर्तमान में खुरई में नगर पालिका के चुनाव चल रहे हैं। इस बीच चौबे के इस्तीफा देने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन पर उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा होने लगी हैं।
चौबे व भूपेंद्र सिंह एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे
श्री चौबे व मंत्री भूपेंद्र सिंह एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। वर्ष 2007 में खुरई विधानसभा के चुनाव में अरुणोदय चौबे ने भूपेंद्र सिंह को शिकस्त दी थी। इसके बाद वे वर्ष 2013 व 2018 में मंत्री भूपेंद्र सिंह से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2013 के चुनाव में ही 28 दिसंबर 2013 को खुरई के विनायठा गांव में हुई भैयालाल दांगी की हत्या के मामले में पूर्व विधायक चौबे सहित 11 लोगों पर धारा 302 व अन्य धाराओं से मामला दर्ज हुआ था। बाद में इस मामले में सभी लोग बरी हो गए। लेकिन कुछ समय पहले सेल्फी प्वाइंट तोड़ने के मामले को लेकर हुए विवाद में चौबे पर धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। जिसमें वह फरार चल रहे थे। इस मामले की बाद से ही वे कांग्रेस पार्टी से खफा थे। वहीं उनके भाजपा में आने की अटकलें चलने लगीं।