अब तक महज एक बार भाजपा की झोली में आ पाई सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट पर पार्टी की राह इस बार भी आसान होती नजर नहीं आ रही। भाजपा ने भले ही डैमेज कंट्रोल के लिहाज से सबसे पहले चरण में ही यहां प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया है, लेकिन फिलहाल यही जल्दबाजी परेशानी का सबब बनती नजर आ रही है। यहां असंतोष की चिंगारी भड़क उठी है और असंतुष्ट मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं।
सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी घोषित होने के बाद शुरू हुई मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। दो बार यहां से चुनाव हार चुके सुरेंद्र सिंह गहरवार को चौथी बार उम्मीदवार बनाए जाने से क्षेत्र में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार रहे सुभाष शर्मा डोली के समर्थकों ने मोर्चा खोल दिया है और मैदान में निकल पड़े हैं। अपने स्तर पर जन सम्पर्क और सोशल मीडिया पर वोटिंग करा चुके डोली समर्थकों ने रविवार को क्षेत्र में बाइकों और कारों के काफिले के साथ कई जगह सभाएं आयोजित कीं। इन सभाओं में सुभाष शर्मा डोली भी शामिल हुए।
हालांकि उन्होंने अभी अपने इरादे तो जाहिर नहीं किये लेकिन समर्थकों के उत्साह और शक्ति प्रदर्शन मानी जा रहीं रैलियों, सभाओं में जनता की बड़ी संख्या में उपस्थिति से यह तो साफ है कि चित्रकूट में भाजपा की राह आसान नहीं है। पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि पार्टी ने यहां डैमेज कंट्रोल की कवायदें भी शुरू कर दी हैं। पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी दक्षिणी के विधायक नीलकंठ तिवारी एक हफ्ते का प्रवास कर रविवार को ही यहां से विदा हुए हैं।
उधर,3 सितंबर को इसी क्षेत्र के मझगवां में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम शिवराज सभा कर जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत भी करने वाले हैं। लेकिन उप चुनाव के वक्त पूरी सरकार के ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा की हार देख चुके जानकार इन तमाम कवायदों से लाभ मिलने पर संशय भी व्यक्त कर रहे हैं।
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