भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम आज शाम 6:04 बजे चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा। फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर इससे चांद की सतह पर आएगा। विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की। इन फोटोज को पृथ्वी पर सेंड किया जाएगा। अगर भारत अपने इस मिशन में सफल रहा तो वो ऐसा करने वाला पहला देश होगा।
इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने 9 अगस्त को विक्रम की लैंडिंग को लेकर कहा था- ‘अगर सब कुछ फेल हो जाता है, अगर सभी सेंसर फेल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा, बशर्ते एल्गोरिदम ठीक से काम करें। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर इस बार विक्रम के दो इंजन काम नहीं करेंगे, तब भी यह लैंडिंग में सक्षम होगा।’
पीएम मोदी लाइव इवेंट में वर्चुअली जुड़ेंगे
लैंडिंग का लाइव इवेंट शाम 5:20 बजे से शुरू होगा। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअली जुड़ेंगे। अभी वो साउथ अफ्रीका में हैं इसलिए वर्चुअली शामिल हो रहे हैं। वहीं मिशन की सफलता के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी में जगह-जगह पर हवन कराए जा रहे हैं।
चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए किए जा रहे पूजन और सेलिब्रेशन की तस्वीरें…
अमेरिका के न्यू जर्सी के मॉनरो में बुधवार को ओम श्री साईं बालाजी मंदिर में पूजन करते भारतीय समुदाय के लोग।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार सुबह चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए खास भस्म आरती की गई।
लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में बुधवार को लोगों ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए नमाज पढ़ी।
भरतनाट्यम और कुचीपुड़ी डांसर पूजा हिरवदे ने बुधवार को नागपुर में नमो नमो भारताम्बे और चंद्रयान एंथम पर डांस किया।
आज लैंडिंग नहीं हुई, तो 27 अगस्त को होगी
चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी।
चंद्रयान का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है। डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को धीमा किया जाता है।
लैंडिंग के चार फेज होंगे:
1. रफ ब्रेकिंग फेज
- इस वक्त लैंडर लैंडिंग साइट से 750 Km दूर होगा और स्पीड 1.6 Km/sec होगी।
- ये फेज 690 सेकेंड तक चलेगा। इस दौरान विक्रम के सभी सेंसर्स कैलिब्रेट होंगे।
- 690 सेकेंड में हॉरिजॉन्टल स्पीड 358 m/sec और नीचे की तरफ 61 m/sec हो जाएगी।
2. एल्टिट्यूड होल्ड फेज
- विक्रम चांद की सतह की फोटो खींचेगा और पहले से मौजूद फोटोज के साथ कंपेयर करेगा।
- चंद्रयान-2 के टाइम में ये फेज 38 सेकेंड का था अब इसे 10 सेकेंड का कर दिया गया है।
- इस दौरान हॉरिजॉन्टल वेलॉसिटी 336 m/s और वर्टिकल वेलॉसिटी 59 m/s हो जाएगी।
3. फाइन ब्रेकिंग फेज
- ये फेज 175 सेकेंड तक चलेगा इसमें स्पीड 0 पर आ जाएगी।
- लैंडर की पोजिशन पूरी तरह से वर्टिकल हो जाएगी।
- सतह से ऊंचाई 800 मीटर से 1300 मीटर के बीच होगी।
- विक्रम के सेंसर चालू किए जाएंगे और हाइट नापी जाएगी।
- फिर से फोटोज लिए जाएंगे और कंपेयर किया जाएगा।
4. टर्मिनल डिसेंट फेज
- अगले 131 सेकेंड में लैंडर सतह से 150 मीटर ऊपर आ जाएगा।
- लैंडर पर लगा हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा सतह की तस्वीरें खींचेगा।
- विक्रम पर लगा हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा गो-नो-गो टेस्ट रन करेगा।
- अगर सब सही है तो विक्रम 73 सेकेंड में चांद पर उतर जाएगा।
- अगर नो-गो की कंडीशन होगी तो 150 मीटर आगे जाकर रुकेगा।
- फिर से सतह चेक करेगा और सब कुछ सही रहा तो लैंड कर जाएगा।
लैंडिंग के बाद क्या होगा?
- डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा।
- फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा।
- पहिए चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और इसरो लोगो की छाप छोड़ेंगे।
- विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की।
- इन फोटोज को पृथ्वी पर सेंड किया जाएगा।
अब तक का चंद्रयान-3 का सफर…
इस मिशन को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है:
1. पृथ्वी से उसकी कक्षा तक का सफर
- 14 जुलाई को चंद्रयान पृथ्वी की 170 km x 36,500 km की ऑर्बिट में छोड़ा।
- 15 जुलाई को पहली बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41,762 km x 173 km की गई।
- 17 जुलाई को दूसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41,603 km x 226 km की गई।
- 18 जुलाई को तीसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 51,400 km x 228 km की गई।
- 20 जुलाई को चौथी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 71,351 x 233 Km की गई।
- 25 जुलाई को 5वीं बार ऑर्बिट बढ़ाकर 1,27,603 km x 236 km की गई।
2. पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की कक्षा का सफर
- 31 जुलाई और 1 अगस्त की रात चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर बढ़ गया।
- 5 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की 164 Km x 18074 Km की कक्षा में प्रवेश किया।