मध्य प्रदेश में लव जिहाद से जुड़ा कानून लागू होने के बाद इंदौर अदालत का पहला फैसला चर्चा में है। आरोपी को रेप, धमकी और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाने के आरोप में 20 साल जेल में रहने के आदेश दिए हैं। पीड़िता के साथ जब यह घटनाक्रम हुआ था तब वह 16 साल की थी। फैसले से सबसे बड़ा किरदार रही पीड़िता का हौसला, जो बचाव पक्ष पर भारी पड़ा। सिलसिलेवार तरीके से जानिए पूरी घटना और फैसला, आखिर में अदालत की टिप्पणी भी…वो लड़की तब सिर्फ 16 साल की थी। मोहम्मद साबिर नाम के लड़के के साथ स्कूल में पढ़ती थी। इन दोनों की उम्र में 4 साल का अंतर था। स्कूल में एक साथ थे इसलिए एक-दूसरे को पहचानते थे।बात 9 सितंबर 2020 की है। लड़की अपने घर में अकेली थी। आरोपी साबिर उसके घर अचानक आया। तब लड़की ने जवाब दिया कि क्यों आए हो, घर में तो कोई नहीं है। कोई काम हो तो कहो..। लड़के ने कहा- बहुत दूर से आ रहा हूं। कुछ नहीं ऐसा ही आया था, एक गिलास पानी पिला दो। लड़की जैसे ही मुड़ी और पानी लेने जाने लगी तो आरोपी भी उसके घर में घुस गया। उसके दरवाजा अंदर से लगा लिया।जब लड़की ने देखा तो कहा कि ये क्या हरकत है। इस पर जवाब मिला कि चुप रहो..। नहीं मानी तो मुंह दबा दिया। यही वो दिन था जब उसने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी। न सिर्फ रेप किया बल्कि उसके अश्लील फोटो, वीडियो भी बना लिए। चाकू निकालकर धमकाकर भी गया कि कुछ बोली तो गर्दन काट दूंगा।आपत्तिजनक VIDEO और फोटो की बातें उसने तब नहीं बताई। कुछ दिन बाद उसने माैका देखकर वह उसे ब्लैकमेल करने लगा। उससे कहा कि मेरे पास तुम्हारे वीडियो, फोटोज हैं। सोच लेना, या तो घर में एंट्री दो वर्ना वायरल के लिए तैयार रहो। वह डर गई, उसे समझ ही नहीं आया कि क्या करूं।उसने फिर कहा कि जो मैं कहूं, वही करना वरना वायरल समझती हो ना। यही उसकी मजबूरी का कारण बन गई और जो वो चाहता रहा, सहती चली गई।
आरोपी घर में आने से पहले कहता था- नींद की गोलियां देकर मां-बाप को सुला दो
पीड़िता ने जिस तरह अपनी पीड़ा जाहिर की है, उससे सभी हैरान रह गए। वह बताती है कि आरोपी की हदें इतनी हो चुकी थी कि उसने उसे नींद की गोलियां लाकर दी थी। वह मनमर्जी करते हुए कहता था कि खाने में गोलियां मिलाकर मां, बाप को खिला दो, वो सो जाएंगे। लड़की मजबूरी में यह तक करती गई और उसने परिजन की मौजूदगी में भी दरिंदगी की। यह बात कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान भी पीड़िता ने कही थी।
धर्म परिवर्तन कर निकाह के लिए दबाव बनाया तो विरोध का फैसला किया
कुछ समय बाद साबिर ने उस पर दबाव बनाया कि तुम्हें धर्म बदलना पड़ेगा। इसके साथ ही निकाह करने के लिए भी कहा। बोला कि ऐसा नहीं किया तो अब तो हर हाल में फोटो-वीडियो वायरल कर देगा। इस बार वह काफी डर गई लेकिन उसने टूट कर ऐसा करने के बजाय चचेरे भाई को अपनी बात बताने का फैसला किया। इसी के जरिए मां, बाप तक उसी आपबीती पहुंच गई। तब इस ब्लैकमेलिंग के एक साल बाद 20 अगस्त 2021 को उसने साबिर पर केस कर ही दिया। अब इसमें फैसला आया है।
इस केस को पीड़िता के लिए लड़ने वाली सरकारी वकील सुशीला राठौर बताती हैं कि वीडियो, फोटोज की धमकी देकर आरोपी साबिर अपनी हरकतें बढ़ाता गया और उसे इतना मजबूर कर दिया कि एक बार तो उसने आत्महत्या तक की कोशिश कर ली थी।
पेरेंट्स से जुड़ी सबसे जरूरी बात, जिसे कोर्ट ने भी स्वीकारा
पीड़िता की ओर से करीब एक साल बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसमें यह बात सामने आई कि उसने माता-पिता को बताने के भी 20 दिन बाद रिपोर्ट लिखाई गई। दरअसल तर्क दिया गया कि एक साल तक लड़की डर के कारण घुटती रही। फिर माता-पिता को बताने के बाद उन्होंने पहले आसपास में सलाह ली। बच्ची की जान उनके लिए सबसे पहली प्राथमिकता थी। उसके डिप्रेशन में जाने और जहर खाने की स्थिति भी बताई गई। यही कारण था कि सबसे पहले बेटी को हमारे लिए संभालना और हिम्मत में लाना जरूरी था। इसके चलते देर से रिपोर्ट दर्ज कराई। कोर्ट ने इस तर्क को विश्वसनीय माना।
दो बड़ी बातें, जिस कारण 20 साल की कैद, इसका कोर्ट की टिप्पणी में जिक्र है
– पीड़िता नाबालिग थी और दुष्कर्म साबित हुआ।
– धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया है।
आरोपी कोर्ट में कहता रहा- मुझे फंसाया गया है
परिवार बोला जो होना था हो गया
मामले में ‘दैनिक भास्कर’ ने पीड़ित के परिवार से बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट के फैसले की जानकारी दूसरे दिन शुक्रवार को मीडिया के माध्यम से पता चली। आरोपी को कठोर सजा मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि जो होना था वो हो गया। हमें इस बारे में अब कुछ नहीं कहना।
पांच गंभीर अपराधों में एक साथ सजा भुगतेगा आरोपी, यानी 20 साल ही जेल में रहेगा
पांच गंभीर धाराओं में कुल 59 साल का कारावास हुआ। ये सभी सजाएं साथ-साथ भुगतनी होगी। इसी तरह इन सभी धाराओं में कुल 56 हजार रु. जुर्माना भी लगाया गया। अगर यह जुर्माना नहीं भरा गया तो पांच साल की और कठोर सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा पीड़िता 50 हजार रु. की राशि दिलाए जाने की भी अनुशंसा की गई है। आरोपी साबिर खान करीब डेढ़ साल से जेल में है।
जिन धाराओं में सजा दी, उनमें कुल 59 साल की सजा
– धारा 450 (बुरी नीयत से घर में जबर्दस्ती घुसना) : 7 साल कारावास।
– धारा 376 (3) (नाबालिग के साथ दुष्कर्म) : 20 साल कारावास।
– धारा 506 (जान से मारने की धमकी) : 7 साल कारावास।
– पाक्सो एक्ट : 20 साल की सजा।
– मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (लव जिदा) : 5 साल का कारावास।