मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने पर गोपाल भार्गव का दर्द छलका है। उन्होंने कहा, ‘मंत्री-मुख्यमंत्री बनना मेरे हाथ में नहीं है। इसका निश्चित फॉर्मूला अब तक पता नहीं चला। सीनियरिटी के बलबूते उम्मीद थी कि फिर अवसर मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली विधानसभा क्षेत्र से नौवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। वे प्रदेश में सबसे सीनियर विधायक हैं। सीएम पद के दावेदार भी माने जा रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फॉर्मूले ने उन्हें आउट कर दिया। सीएम क्या, मंत्री पद तक नहीं मिला। वे 2003 से लगातार मंत्री रहे हैं। कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
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