मध्य प्रदेश में नए CM डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट का चेहरा साफ हो गया है। शुरुआत में सोमवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली है। सीएम की कैबिनेट में ग्वालियर से सिंधिया गुट के नेता व शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे प्रद्युम्न सिंह तोमर और कुशवाह समाज से नारायण सिंह कुशवाह को जगह मिली है। यहां बता दें कि प्रद्युम्न सिंह तोमर अभी तक चार बार चुनाव जीत चुक हैं।
साल 2008, 2018 व 2023 के आम चुनाव व साल 2020 के उपचुनाव जीत चुके हैं, जबकि साल 2013 में भाजपा के जयभान सिंह पवैया ने उनको हराया था। प्रद्युम्न सिंह तोमर लगातार अपने क्षेत्र की जनता के बीच चर्चा में रहते हैं। उनके जरिए ग्वालियर में क्षत्रियों को साधा गया है, तो चौथी बार विधायक बने नारायण सिंह को मंत्री बनाकर लोकसभा चुनाव से पहले OBC को साधने का प्रयास है।
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मध्य प्रदेश में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का चेहरा सामने लाने भाजपा ने करीब 10 दिन लिए थे, अब सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का चेहरा सोमवार (25) दिसंबर के शुभ दिन साफ हो गया है। भोपाल में सोमवार को सीएम यादव की कैबिनेट के 20 मंत्रियों ने शपथ ली है। अभी 28 को मंत्री बनाया गया है, इसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार में अन्य नेताओं को जगह दी जाएगी। सोमवार को शपथ लेने वाले मंत्रियों में ग्वालियर से सिंधिया गुट के ग्वालियर विधानसभा से विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ-साथ अघोषित रूप से सिंधिया गुट के ग्वालियर दक्षिण से विधायक नारायण सिंह शामिल रहे हैं। दोनांे मंत्री बनने के बाद इनके घर पर खुशी का माहौल है। प्रद्युम्न सिंह ताेमर व नारायण सिंह कुशवाह समर्थकांे ने ग्वालियर में मिठाइयां बांटकर आतिशबाजी की है।
प्रद्युम्न सिंह को कैबिनेट मंत्री क्यों बनाया गया
ग्वालियर के 53 वर्षीय प्रद्युम्न सिंह तोमर कट्टर सिंधिया समर्थक हैं। इसके साथ ही वह ग्वालियर में इस समय भाजपा से एक मात्र नेता हैं जो क्षत्रिय समाज का नेतृत्व कर रहे हैं। नरेन्द्र सिंह तोमर के सभापति बनने के बाद कैबिनेट में उनको जगह देना इसलिए भी जरुरी हो गया था। इसके साथ ही वह शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे हैं। शिवराज के कार्यकाल में उनके विभाग का काम ठीक रहा था। सिंधिया गुट, क्षत्रिय को साधना और वर्तमान में मंत्री होने का फायदा उनको मिला है। वह अपने क्षेत्र की जनता के लिए कभी भी नाले में कूद पड़ते हैं, सड़क पर झाडू लगाने लगते हैं। साथ ही बिजली के पोल पर चढ़ जाते हैं। सामान्य व्यक्तित्व भी उनको अलग पहचान देता है।
प्रद्युम्न सिंह का प्रोफाइल
53 वर्षीय प्रद्युम्न सिंह तोमर बीए पास हैं। कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान कांग्रेस से जुड़े। साल 2008 में विधानसभा का पहला चुनाव कांग्रेस की ओर से लड़ा और जीतकर विधायक बने। इसके बाद साल 2013 में फिर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के जयभान सिंह पवैया से हार गए। साल 2018 में फिर ग्वालियर विधानसभा से चुनाव लड़ा और इस बार भाजपा के जयभान सिंह पवैया को हराया। कांग्रेस सरकार में मंत्री बने। पर साल 2020 में सियासी उठा पटक के चलते वह सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए। उपचुनाव में 2020 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के सुनील शर्मा को हराकर शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्रालय संभाला।
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