विधानसभा चुनाव के पहले जैसे ही सरकार ने एसपी तुषारकांत विद्यार्थी को हटाया तो उसके बाद ही अंदेशा लगाया जा रहा था कि जबलपुर कलेक्टर पर भी गाज गिर सकती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के जबलपुर दौर के अगले ही दिन कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन पर गाज गिरी और उन्हें हटाते हुए मंत्रालय में अपर सचिव बनाया गया है। सौरभ कुमार सुमन की जगह खाद्य संचालक दीपक कुमार सक्सेना को जबलपुर कलेक्टर नियुक्त किया गया है। जबलपुर में कलेक्टर रहें सौरभ कुमार सुमन हमेशा से ही जनता,नेता और मीडिया से दूरी बनाकर रखते है।

लगातार चल रही नेताओं की शिकायत के बाद आखिरकार गुरुवार को जबलपुर कलेक्टर पर गाज गिरी और उन्हें हटा दिया गया। बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट बैठक हुई और अगले ही दिन जबलपुर कलेक्टर की रवानगी हो गई। सूत्र बताते है कि सौरभ कुमार सुमन को हटाने की वजह उनका व्यवहार रहा है, जो कि जबलपुर की जनता के साथ साथ मीडिया और नेताओं से भी ठीक नहीं था। सौरभ कुमार सुमन पर यह भी आरोप था कि वो नही जनता के बीच रहते थे, और न ही मीडियाकर्मियों का फोन उठाते थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव बुधवार को जब जबलपुर दौरे पर थे, उस दौरान कई नेताओं ने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए शिकायत की थी। जिस पर अगले ही दिन राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाते हुए मंत्रालय में अपर सचिव बनाया है

010 बैच के आईएएस दीपक कुमार सक्सेना को पदस्थ किया है। दीपक कुमार सक्सेना अभी तक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालक थे। उनके पास म.प्र राज्य भंडार गृह निगम के संचालक का भी अतिरिक्त प्रभार था।
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बताया जा रहा है कि धान खरीदी भी हुई फर्जीवाड़ा भी जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को हटाने की एक वजह थी। सूत्र बताते है कि जबलपुर में ही धान खरीदी के मामले में लगातार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। सरकार ने जिला आपूर्ति अधिकारी कमलेश दांडेकर, विपणन अधिकारी रोहित बघेल सहित सहित वेयर हाउस कार्पोरेशन के आर.एम को हटाया गया था। ऐसे में माना यह भी जा रहा था कि अब कार्रवाई की अगली गाज कलेक्टर पर गिर सकती है। और आखिरकार वही हुआ राज्य सरकार ने जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को हटा दिया।








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